Bermo: बेरमो के एसडीओ अनंत कुमार ने मनरेगा योजना में लाभुक को पैसा नहीं मिलने की खबर का संज्ञान लिया है और बीडीओ गोमिया को जांच का आदेश दिया है. दरअसल गोमिया प्रखण्ड के एक लाभुक ने मनरेगा योजना के तहत कुआं निर्माण करने के बाद उन्हें मैटेरियल का पैसा नहीं मिलने की शिकायत की थी. जिसकी खबर को लगातार.इन ने प्रमुखता से चलाई थी. इसी खबर पर एसडीओ अनंत कुमार ने गोमिया बीडीओ कपिल कुमार को जांच करने का आदेश दिया है. इस संबंध एसडीओ ने कहा कि मनरेगा योजना में इस तरह की शिकायत लगातार मिल रही है. तत्कालीन रोजगार सेवक द्वारा बांध पंचायत में मुर्गी शेड बना भी नहीं और उसकी राशि निकाल लिए जाने की शिकायत सामने आई थी. उसकी भी जांच पूरी हो गई है. इस मामले की भी जांच कर दोषी रोजगार सेवक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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क्या है पूरा मामला ?
मनरेगा योजना के तहत कुआं निर्माण का लाभुक रेवतलाल रजवार गोमिया प्रखण्ड के बांध पंचायत के महली बांध ग्राम का निवासी है. रेवत लाल रजवार को विगत वर्ष 2016-17 में मनरेगा के तहत उसे कुआं निर्माण के लिए योजना मिली थी. जिसे उन्होंने 2018 में काम पूरा कर दिया था. इस कुआं निर्माण की लागत 3 लाख 51 हजार रूपये थी. जब कुआं निर्माण का काम शुरू हुआ उस दौरान उसे मजदूरी का पैसा मिलता गया. जिसके कारण काम में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई. लेकिन काम करने के दौरान मैटेरियल उपलब्ध कराने के लिए रोजगार सेवक अमर कुमार बाउरी ने उसे जाल में फंसा लिया.
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उन्होंने कहा कि मैटेरियल उसे स्वंय खरीदना होगा और बिल रशीद जमा करने के बाद उसे मैटेरियल का पैसा एक साथ मिल जाएगा. रेवत के पास पैसा नहीं था और समय पर कुआं निर्माण को भी पूरा करना था. लिहाजा उन्होंने रोजगार सेवक की बात पर भरोसा किया और गांव की महिला समिति से 40 हजार रूपये उधार ले लिया. रेवत ने भी महिला समिति को इस बात का आश्वासन दिया कि उन्हें एक माह के अन्दर कुआं निर्माण का काम पूरा होते ही राशि मिल जाएगी. और उसे समय पर उधार चुका दिया जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. रेवत लाल रजवार प्रखण्ड के रोजगार सेवक के जाल में फंस गया था.
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रोजगार सेवक ने मैटेरियल का खर्च लाभुक से करवा लिया और उससे रशीद के कागज पर साइन भी करवा लिया. रोजगार सेवक ने कहा कि जब तक रशीद पर साइन नहीं करोगे, तब तक मैटेरियल का पैसा नहीं मिलेगा. इसी विश्वास पर रेवत ने रोजगार सेवक की बात मान ली. जिसका खामियाज तीन साल से वह भुगत रहा है. रेवत लाल रजवार आज भी महिला समिति को मूलधन तो वापस नहीं कर सका. जबकि सूद का पैसा का भुगतान कर रहा है.
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एसडीओ के आश्वासन के बाद रजवार को न्याय की उम्मीद
वह गोमिया प्रखण्ड के बीडीओ को आवेदन देकर मैटेरियल का पैसा भुगतान कराने के लिए चक्कर काटता रहा. लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी. रेवत लाल रजवार की कहानी से प्रखण्ड के मनरेगा कार्यालय के सभी कर्मचारी अवगत हैं. वह काफी दिन तक कार्यालय का चक्कर काट कर थक चुका है. इन दिनों वह कथारा के एक इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान में काम कर महिला समिति को सूद का पैसा भुगतान कर रहा है. एसडीओ द्वारा कार्रवाई की बात सुनकर रेवत लाल रजवार को उम्मीद है कि अब उसे न्याय मिलेगा.
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