Lagatar Desk
देश के बड़े उद्योगपति अदानी और सेबी के प्रमुख माधवी पुरी बुच पर हिंडेनबर्ग ने बड़े आरोप लगाये हैं. माधवी पुरी बुच ने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी है. उन्होंने दो पन्नों में अपनी बात रखी है. जिसके बाद हिंडेनबर्ग ने उनके पक्ष को टैग करते हुए एक्स पर लिखा है- माधवी बुच ने अपने पक्ष में रिपोर्ट के कई तथ्यों को स्वीकार कर लिए हैं. जिसके बाद कई नए सवाल खड़े हो गए हैं.
SEBI Chairperson Madhabi Buch’s response to our report includes several important admissions and raises numerous new critical questions.
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— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 11, 2024
बुच ने स्वीकार कर लिया है कि मॉरीशस फंड का निवेश हुआ है
हिंडेनबर्ग ने कहा है कि सेबी चीफ बुच ने यह स्वीकार कर लिया है कि विनोद अदानी द्वारा कथित तौर पर निकाली गई राशि के साथ एक अस्पष्ट बरमूडा या मॉरीशस फंड का निवेश हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदानी के निदेशक थे. उल्लेखनीय है कि अदानी मामले में विदेशी निवेश की जांच का जिम्मा सेबी को दिया गया था. यह स्पष्ट रूप से हितों का एक बड़ा टकराव है.
एगोरा एडवाइजरी लिमिटेड (इंडिया) का 99% स्वामित्व अभी भी माधबी बुच के पास
सेबी चीफ माधवी बुच ने अपने बयान में दावा किया है कि उनके द्वारा स्थापित की गई कंसलटेंसी कंपनियां, जिसकी शाखाएं भारत व सिंगापुर में हैं, सेबी में नियुक्ति के बाद वह तुरंत निष्क्रिय हो गईं, उनके पति ने वर्ष 2019 में कार्यभार संभाला. हिंडेनबर्ग ने इस पर कहा है कि 31 मार्च, 2024 तक इसकी नवीनतम शेयरधारकों की सूची के अनुसार, एगोरा एडवाइजरी लिमिटेड (इंडिया) का 99% स्वामित्व अभी भी माधबी बुच के पास है, न कि उनके पति के पास. यह कंपनी अभी भी सक्रिय है और कंसलटेंसी से कमाई कर रही है.
बुच 16 मार्च, 2022 तक एगोरा पार्टनर्स सिंगापुर की 100% शेयरधारक बनी रहीं
, सिंगापुर के रिकॉर्ड के अनुसार, बुच 16 मार्च, 2022 तक एगोरा पार्टनर्स सिंगापुर की 100% शेयरधारक बनी रहीं और सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपने पूरे समय के दौरान वह इसकी मालिक रहीं. बुच ने अपने बयान में आगे कहा है कि उनके पति ने वर्ष 2019 से शुरु होने वाली कंस्लटेंसी कंपनियों का इस्तेमाल अज्ञात (भारतीय उद्योग में प्रमुख ग्राहकों) के साथ लेनदेन करने के लिए किया है. इस पर हिंडेनबर्ग ने सवाल उठा है कि क्या इनमें वे ग्राहक भी शामिल हैं, जिन्हें विनियमित करने का काम सेबी को सौंपा गया है?
हिंडेनबर्ग ने अपने बयान में आगे कहा है कि बुच ने अपने बयान में “पूर्ण पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता” का वादा किया गया था, इसे देखते हुए क्या वह (बुच) सार्वजनिक रूप से सिंगापुर की ऑफशोर कंसल्टिंग फर्म, भारतीय कंसल्टिंग फर्म और किसी अन्य संस्था के माध्यम से परामर्श देने वाले ग्राहकों की पूरी सूची और संलग्नताओं का विवरण जारी करेगी, जिसमें उनकी या उनके पति की रुचि हो सकती है?