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चाईबासा से लातेहार व बोकारो तक सुरक्षाबलों को सफलता, 5 माह में 17 नक्सली ढेर

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई नक्सल प्रभाव अब सिर्फ पांच जिलों तक सीमित Saurav Singh Ranchi :   झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गयी है. सुरक्षा बलों को चाईबासा से लेकर लातेहार और बोकारो तक नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है. पिछले पांच महीनों के दौरान, सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने अलग-अलग मुठभेड़ में 17 नक्सलियों और उग्रवादियों को मार गिराया है. मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ का एक, 25 लाख का एक, 15 लाख का एक और 10 लाख के दो इनामी नक्सली शामिल थे. बता दें कि पिछले पांच सालों में झारखंड पुलिस को इस साल सबसे बड़ी सफलता मिली है. इसे भी पढ़ें : कौन">https://lagatar.in/who-was-jjmp-supremo-pappu-lohara-who-sometimes-became-a-friend-of-the-police-and-sometimes-a-headache/">कौन

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साल 2020 के बाद 2025 में मारे गये सबसे अधिक नक्सली : झारखंड में साल 2020 के बाद साल 2025 में सबसे अधिक नक्सली मारे गए हैं. आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में 18 नक्सली मारे गए थे. साल 2021 में यह संख्या घटकर आठ हो गयी, लेकिन साल 2022 में फिर यह बढ़कर 12 हो गयी. 2023 में सुरक्षाबलों ने 14 और 2024 में 11 नक्सलियों को मार गिराया. जबकि साल 2025 में मई महीने तक ही 17 नक्सली मारे जा चुके हैं. हालांकि, इन पांच सालों में 20 जवान भी शहीद हुए हैं.
पांच महीने में मारे गए 15 नक्सली : – 24 मई : लातेहार पुलिस ने जेजेएमपी सुप्रीमों 10 लाख इनामी पप्पू लोहरा और पांच लाख इनामी प्रभात गंझू को मार गिराया. – 21 अप्रैल : बोकारो जिले के लुगु पहाड़ पर सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी को ढेर किया था. इनमें प्रयाग मांझी, साहेबराम मांझी, अरविंद यादव के अलावा पांच अन्य नक्सली शामिल थे. – 29 जनवरी : चाईबासा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गये थे. इनमें एक महिला नक्सली भी शामिल थी. मारे गए नक्सलियों की पहचान विनय गंझू उर्फ संजय गंझू और हेमंती मंझियाईन के रूप में हुई थी. विनय गंझू भाकपा माओवादी का जोनल कमेटी सदस्य था, जबकि हेमंती मंझियाइन एरिया कमेटी सदस्य थी. – 22 जनवरी : बोकारो में पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो नक्सली मारे गये थे. मृतक माओवादियों की पहचान मनोज बास्की और गिरफ्तार 15 लाख के इनामी नक्सली की पत्नी शांति देवी के रूप में हुई थी.
झारखंड में अब सिर्फ पांच जिले नक्सल प्रभावित : फिलहाल राज्य में सिर्फ पांच जिले (गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम) नक्सल प्रभावित रह गये हैं. देश के पांच राज्यों के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में झारखंड का सिर्फ एक जिला पश्चिमी सिंहभूम शामिल है. झारखंड में नक्सलवाद की समस्या 95 फीसदी खत्म हो चुकी है. छोटे-छोटे समूह में तब्दील होकर अपराधी और उग्रवादी संगठन आगजनी के साथ-साथ व्हाट्सएप कॉल पर कारोबारियों से रंगदारी की मांग कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें :कभी">https://lagatar.in/pappu-lohara-reward-10-lakh-on-his-head-once-roamed-around-with-jharkhand-police-then-started-challenging/">कभी

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