Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में शुक्रवार को कहा कि सड़क पर हड़िया-दारू बेचना आदिवासी संस्कृति का प्रतीक नहीं है. वे सदन में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के सवाल का जवाब दे रहे थे. बाबूलाल ने कहा कि आदिवासी- समुदाय के लोग देवी-देवताओं को हड़िया-दारू चढ़ाते हैं. लेकिन हड़िया-दारू सड़क के किनारे बिकता है. आदिवासी संस्कृति में हड़िया-दारू सड़क के किनारे बेचना ठीक नहीं है. इस पर कब तक अंकुश लगेगा.
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पूजा-पाठ में उपयोग होता है, वह बाजार में आ गया है. पूरे देश के आदिवासी बहुल क्षेत्र में यह देखने को मिलता है. दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने भी कहा था कि ये पूजा-पाठ के अंतर्गत ही है. इस पर अंकुश लगाने के लिए फूलो-झानो योजना लाई गई. जो सड़को में दारू-हड़िया बेचती थीं, उनको इस योजना से जोड़ा गया. जब तक जेल नहीं गया था, तब तक 20 से 25 हजार महिलाओं को इससे जोड़ा गया. लेकिन आर्थिक सहायता मिलने के बाद भी पुनः इस व्यवसाय में वापस आने लगी. इस पर आगे ठोस कदम उठाए जाएंगे. इस पर मिलजुल कर काम करना होगा. इसे खत्म करने का प्रयास करेंगे. विपक्ष से भी सुझाव मांगा जाएगा.
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