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सेमिकॉन इंडिया 2025 : IIT (ISM) धनबाद की स्वदेशी चिप APEEC-1 को मिली राष्ट्रीय पहचान

Dhanbad :  नई दिल्ली में आयोजित सेमिकॉन इंडिया 2025 में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद को देश की तकनीकी प्रगति में योगदान के लिए सम्मान मिला है. संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार रंजन के नेतृत्व में तैयार की गई स्वदेशी चिप APEEC-1 को इस प्रतिष्ठित मंच पर प्रदर्शित किया गया. 

 

इस इनोवेटिव चिप को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना संस्थान की स्वदेशी चिप डिजाइन और सेमीकंडक्टर शोध में बढ़ती भूमिका को दर्शाती है. इस चिप की डिजाइनिंग प्रक्रिया वर्ष 2023 में शुरू हुई थी और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 1.12 करोड़ रुपये फंडि दिया था.  

 

पीएम ने भारत को बताया 'डिजिटल डायमंड' का केंद्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर को नई दिल्ली में सेमिकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया. उन्होंने चिप्स को 21वीं सदी के डिजिटल डायमंड बताते हुए भारत को सेमीकंडक्टर इनोवेशन का वैश्विक केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई.

 

इस कार्यक्रम में केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसरो द्वारा बनाए गए देश के पहले 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर 'विक्रम-32' को प्रधानमंत्री को सौंपा. वहीं, IIT धनबाद की APEEC-1 चिप भी कार्यक्रम का एक खास आकर्षण रही. 

 

APEEC-1 चिप आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम : डॉ. रंजन

डॉ. रंजन ने कहा कि  APEEC-1 भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता के विजन की ओर एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण कदम है. यह दिखाता है कि शैक्षणिक रिसर्च कैसे ठोस सिलिकॉन में बदलकर वास्तविक प्रभाव डाल सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि IIT (ISM) धनबाद जैसे क्षेत्रीय संस्थान भी देश की तकनीकी यात्रा में अहम भूमिका निभा रहे हैं. 

 

देशभर से 350 से अधिक प्रदर्शक हुए शामिल

डॉ. रंजन  ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में 33 देशों के 350 से अधिक प्रदर्शक, ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों के सीईओ, शोधकर्ता और स्टार्टअप्स शामिल हुए. इस मंच पर IIT (ISM) धनबाद के योगदान को मिली पहचान ने यह साबित कर दिया कि क्षेत्रीय शैक्षणिक संस्थान भी भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की यात्रा में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

 

क्या है APEEC-1 चिप?

APEEC-1 एक लो-पावर एनालॉग मेमरेस्टर एमुलेटर है, जिसे मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL) के चिपइन सेंटर में तैयार किया गया है. यह चिप जैविक सिनेप्स (Biological Synapse) के व्यवहार की नकल करती है. यह डिजाइन स्पाइक डेंसिटी डिपेंडेंट प्लास्टिसिटी (SDDP) जैसे एडवांस्ड लर्निंग मैकेनिज्म को सक्षम बनाता है. 

 

APEEC-1 न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग, स्पाइकिंग न्यूरल नेटवर्क, एज एआई डिवाइसेज और क्रॉसबार एरेज जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल की जा सकती है. यह चिप 1 से 30 मेगाहर्ट्ज की गति से काम करती है और कम ऊर्जा में तेज प्रदर्शन देने में सक्षम है, जिससे यह रीयल-टाइम लर्निंग सिस्टम्स के लिए उपयुक्त बनती है. 

 

 

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