Ranchi: बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) मेसरा की आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaint Committee - ICC) द्वारा “कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा: चुनौतियां और पहल” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और समावेशी वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में जागरूकता फैलाना था.
कार्यक्रम की शुरुआत आईसीसी की अध्यक्ष डॉ सुनीता केशरी के स्वागत भाषण से हुई. उन्होंने कार्यशाला की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए संस्थान में सुरक्षित कार्य संस्कृति के निर्माण में आईसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.
बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो इन्द्रनील मन्ना ने अपने संबोधन में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम (POSH Act) के प्रावधानों को वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से समझाया. उन्होंने इसके कानूनी और सामाजिक महत्व पर भी चर्चा की.
सेमिनार में विशिष्ट वक्ताओं के रूप में सुनीता मेहता (पूर्व अध्यक्ष, आईसीसी, सीएमपीडीआईएल) और अपूर्वा विवेक (संस्थापक, “हाशिया” सोशियो-लीगल सेंटर फॉर वूमन) ने भाग लिया. दोनों वक्ताओं ने पॉश अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों, संवैधानिक सुरक्षा उपायों तथा लैंगिक असमानता से जुड़ी व्यापक चुनौतियों पर विस्तार से विचार रखे.
सुश्री विवेक ने समाज में प्रचलित दहेज जैसी कुरीतियों और कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता पर भी अपने विचार साझा किए.कार्यक्रम का समापन निधि जायसवाल (सहायक रजिस्ट्रार, विधिक प्रकोष्ठ, बीआईटी मेसरा) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.
सेमिनार में बीआईटी मेसरा के सभी विभागों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, छात्रों और ऑफ-कैंपस केंद्रों से जुड़े प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. कार्यक्रम को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आयोजित किया गया.

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