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जेपीसी में वक्फ संशोधन बिल भेजे जाने से मामला और बिगड़ गया : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

NewDelhi : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन बिल पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस बिल से वक्फ का पूरा निजाम ही बदल जायेगा. कहा कि बिल में कई अहम मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया है. पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि जेपीसी में जाने के बाद यह मामला और ज्यादा बिगड़ गया है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रेस कांफ्रेंस की

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश होने से पहले मुस्लिमों के बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही. इस क्रम में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि वक्फ संशोधन को लेकर बनाई गयी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने मामले को और ज्यादा खराब कर दिया है. बोर्ड के प्रवक्ता डॉ सैयद कासिम रसूल इलियास  व , महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन बिल पेश करने से पहले अहम मामलों पर कोई गौर नहीं किया गया. एक उदाहरण देते हुए कहा कि धारा 3C2 में कलेक्टर की जगह फैसला लेने का अधिकार नामित अधिकारी को दे दिया गया है. इससे मामला और ज्यादा बिगड़ गया है, अब मसला ज्यादा पेचीदा हो जायेगा. डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे. हम चुप नहीं बैठेंगे.  हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे।. जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलायेंगे.

सरकारी अधिकारी  ज्यादातर सरकार के हक में फैसला करेगा

प्रवक्ता ने कहा, कलेक्टर के रोल लेकर हमारा कोई एतराज नहीं है हम एतराज इस बात को लेकर कर रहे हैं कि जो भी सरकारी अधिकारी इसमें शामिल किया जाएगा, वह ज्यादातर सरकार के हक में ही फैसला करेगा. हमारे पक्ष में वह फैसला नहीं करेगा. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कही कि इसमें एक और नियम है कि वक्फ का क्रिएशन प्रैक्टिसिंग मुसलमान ही कर सकता है पूछा कि अब सरकार कैसे तय करेगी की कौन सा शख्स प्रैक्टिसिंग मुसलिम है या नहीं. आरोप लगाया कि सरकार ने हमारे सुझाव दरकिनार कर दिये. वक्फ की विरासत का हक खत्म किया जा रहा है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बारे में जानें

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत में एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) के रूप में रजिस्टर्ड है. यह मुसलमानों के हितों का पर्सनल लॉ के मामलों में प्रतिनिधित्व करता है. इसका गठन 1973 में किया गया था. इसका उद्देश्य भारतीय मुसलमानों के धार्मिक पर्सनल लॉ की रक्षा के साथ-साथ प्रचार करना है. इसे भी पढ़ें : किरेन">https://lagatar.in/kiren-rijiju-introduced-the-wakf-amendment-bill-in-the-lok-sabha/">किरेन

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