Ranchi : राज्य में बड़े अधिकारी छोटे पदों का और छोटे अधिकारी बड़े पदों का मजा ले रहे हैं. राज्य गठन के बाद यह परंपरा पहले सिर्फ इंजीनियरिंग के सेवा के अधिकारियों में थी. बाद में यह परंपरा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में भी स्थापित हो गयी.
इंजीनियरिंग सेवा में छोटे अधिकारियों के बड़े पदों पर और राज्य प्रशासनिक सेवा मे बड़े अधिकारियो के छोटे पदों का आनंद लेने की परंपरा है. राज्य में हर सेवा संवर्ग के लिए सृजित पद और उसका स्तर निर्धारित है. लेकिन इसका सही अनुपालन नहीं हो रहा है.
राज्य गठन के बाद विकास से जुड़ी विभिन्न प्रकार की योजनाओं को बनाने और उसे क्रियान्वित करने के लिए वर्क्स डिपार्टमेंट में ऊंचे पदों पर इंजीनियरों की कमी महसूस की गयी. इस कमी को पूरा करने के लिए नियुक्ति और प्रोन्नति के बदले अतिरिक्त प्रभार का फार्मूला अपनाया गया. इसके तहत इंजीनियरों को अपने ही वेतन-मान में ऊपर के पदों का अतिरिक्त प्रभार दिया जाने लगा. यानी जूनियर इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर से एक्जिक्यूटिव इंजीनियर, चीफ इंजीनियर से इंजीनियर इन चीफ का काम दिया जाने लगा.
इस परंपरा की वजह से अपने ही वेतन-मान में ऊंचे पदों का आनंद लेने की कोशिश करने वालों में होड़ मची. नतीजे में ऊंचे पद का आनंद लेने के लिए इंजीनियरों के बीच प्रतिस्पर्द्धा होने लगी. इसके दर्जनों उदाहरण मौजूद हैं. जैसे मुख्य अभियंता संजय कुजूर, वह भवन निर्माण और पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख के प्रभार में हैं. इंजीनियर श्रवण कुमार तो एक्जिक्यूटिव इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक ख़ुद ही हैं.
राज्य प्रशासनिक सेवा में इंजीनियरिंग सेवा के उलट बड़े अधिकारियों द्वारा छोटे पदों का आनंद लेने की परंपरा कायम हो गयी है. राज्य प्रशासनिक सेवा के मामले में जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) के पद पर बड़े अधिकारियों द्वरा आनंद लेने के मामले को इस परंपरा को उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता है.
जिला परिवहन पदाधिकाारी (DTO) का पद अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) स्तर के अधिकारियों के लिए निर्धारित है. लेकिन राज्य में जिला परिवहन पदाधिकारी के पदों पर अपर समाहर्ता (ADM) स्तर के अधिकारियों को पदस्थापित किया जाता है. पिछले दिनों सरकार ने आठ जिला परिवहन पदाधिकारियों की सेवा वापस लेकर नौ पदाधिकारियों की सेवा जिला परिवहन पदाधिकारी के पद पदस्थापित करने के लिए परिवहन विभाग को सौपी.
कार्मिक प्रशासनिक विभाग ने 29 जुलाई को अधिसूचना जारी कर जिन आठ जिला परिवहन पदाधिकारी की सेवा वापस ली उसमें पांच अधिकारी ADM स्तर के थे. इन अधिकारियों में संजय ए कुजूर, सुरेंद्र कुमार आदि का नाम है.
29 जुलाई को ही कार्मिक विभाग ने दूसरी अधिसूचना के सहारे राज्य प्रशासनिक सेवा के नौ अधिकारियों की सेवा जिला परिवहन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित करने के लिए परिवहन विभाग को सौंपी. इसमें SDO स्तर के आठ और ADM स्तर के एक अधिकारी का नाम शामिल था. इस सूची में इकलौते ADM स्तर के अधिकारी ज्ञान शंकार जयसवाल का नाम शामिल था. वह लोहगदगा में जिला आपूर्ति पदाधिकार के पद पर पदस्थापित थे. अब उन्हें गुमला के जिला परिवाहन पदाधिकारी के पद पद पदस्थापित कर दिया गया है.
ADM स्तर के अधिकारियों द्वारा DTO के पद का मजा लेने वाले पांच अधिकारियों की सेवा कार्मिक ने 29 जुलाई को वापस ली थी. लेकिन DTO के पद का आनंद ले रहे ADM स्तर के कई अधिकारियों को छोड़ दिया गया. ऐसे बड़े अधिकारी अब भी छोटे पद का मजा ले रहे हैं.
बड़े अफसरों के छोटे पद का मजा लेने का उदाहरण
ADM स्तर के अधिकारी |
DTO हैं |
ज्ञान शंकर जयसवाल |
गुमला |
अखिलेश कुमार |
रांची |
धनंजय |
जमशेदपुर |
गिरिजा शंकर महतो |
सरायकेला |
वैद्यनाथ कामती |
हजारीबाग |
शैलेश कुमार प्रियदर्शी |
देवघर |
जीतेंद्र कुमार यादव |
पलामू |
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