Dilip Kumar
Chandil : सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के बामनी में चड़क पूजा के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प मामले में चार साल बाद आजसू पार्टी के नेता हरेलाल महतो समेत नौ आरोपी को न्यायालय ने बरी कर दिया. उक्त मामले में अनुमंडलीय न्यायालय में 17 मई को अंतिम बहस हुई थी. मंगलवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. आजसू पार्टी के नेता हरेलाल महतो एवं अन्य आरोपियों की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आरएसपी सिन्हा ने सुनवाई के दौरान पक्ष रखा था.
एडीजे सचिंद्रनाथ सिन्हा की अदालत ने अंतिम फैसला देते हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो समेत नौ आरोपियों को बरी कर दिया. विदित हो कि 23 अप्रैल 2021 को बामनी गांव में चड़क पूजा का आयोजन हुआ था. उस समय कोरोना का लॉकडाउन चल रहा था. ग्रामीण अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए साधारण रूप से भोक्ता टांगान कर रहे थे. उसी दौरान नीमडीह थाना की पुलिस गांव पहुंची. इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुआ था.
नीमडीह के तत्कालीन बीडीओ मुकेश कुमार की लिखित शिकायत पर पुलिस ने आजसू नेता हरेलाल महतो समेत 41 लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी. मामले में हरेलाल महतो समेत 10 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हरेलाल महतो पर आरोप था कि उनके कहने पर ग्रामीणों ने पुलिस पर जानलेवा हमला कर दिया था.
सत्य की जीत हुई : हरेलाल
आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो ने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है और असत्य अंततः पराजित हो ही जाता है. अदालत से फैसला आने के बाद उन्होंने कहा कि शुरू से संविधान और न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास था कि न्याय मिलेगा.
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