Seraikela (Bhagya Sagar Singh) : सरायकेला सहित आस-पास के अनेक ग्रामीण क्षेत्र के किसानों एवं पशुपालकों द्वारा काली पूजा के अवसर पर पारम्परिक तरीके से गोट, बांदना, गोवर्धन एवं गोरुखूंटा पूजन सह उत्सव मनाने की परंपरा रही है. ये सभी पूजा खेती-किसानी में हर कदम पर किसानों का साथ देने वाले पशुधन से जुड़ी हुई है. इसमें पशुओं सहित चरवाहों की भी विशेष आवभगत की जाती है. हलांकि मौजूदा समय मे अनेक किसान खेती-किसानी से अपने को दूर करने लगे हैं.
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बुधवार को होगी गोवर्धन एवं बांदना पूजा
कई किसान तो खेती के लिए ट्रैक्टर एवं पावर ट्रिलर का उपयोग करने लगे हैं जिस कारण वे पशुपालन से दूर होते जा रहे हैं. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा एवं आध्यात्मिक परम्परा का निर्वहन कमोवेश अभी भी जारी है. सोमवार को गोट पूजा के साथ यह परम्परा का आगाज हुआ और बुधवार को गोवर्धन पूजा के साथ ही बांदना एवं गोरुखूंटा पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार की जाएगी. गांव के नायके (पुजारी) द्वारा सोमवार को गोचर मैदान में गोट पूजा किया गया. सूर्यग्रहण के कारण मंगलवार को पूजा नहीं हो सकी. अब एक दिन बाद बुधवार को गोवर्धन एवं बांदना पूजा किया जायेगा.
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