Search

सरायकेला : चांडिल डैम में एजेंसी से बोट चलवाने के खिलाफ कोर्ट जाएगी समिति

Dilip Kumar Chandil : चांडिल बांध में पर्यटन विभाग द्वारा एजेंसी के माध्यम से पैडल व मोटर बोट चलवाने का विस्थापित समिति विरोध कर रही है. चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वाबलंबी सहकारी समिति चांडिल ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुनर्वास नीति 2003 और 2012 में चांडिल जलाशय में मछली पालन और पर्यटन से विस्थापितों को स्वरोजगार कराने की बात कही गई है. समिति के अध्यक्ष नारायण गोप ने कहा कि झारखंड राज्य पर्यटन विकास निगम डैम के विस्थापितों का हक लूटने की साजिश कर रहा है. विभाग ने बोट संचालन के लिए एजेंसियों से 15 जनवरी को निविदा आमंत्रित की थी. उन्होंने कहा कि बाहर की एजेंसियों को बोट संचालन की जिम्मेदारी देकर विभाग विस्थापितों के साथ अन्याय कर रहा है. इसके खिलाफ समिति कोर्ट का दरवाजा खाटखटाएगी. अध्यक्ष ने कहा कि विभाग का एकमात्र उद्​देश्य विस्थापितों को स्वरोजगार से दूर करना है. अबतक विभाग की ओर से डैम में विकास का कोई काम नहीं किया गया है. बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए डैम क्षेत्र में न तो बैठने की व्यवस्था है न ही पीने के लिए पानी की सुविधा है. उन्होंने कहा कि चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वाबलंबी सहकारी समिति निबंधित समिति है और चांडिल डैम में मोटर बोट का संचलान वर्ष 2007 से कर रही है. समिति को जल संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव, परियोजना के मुख्य अभयंता, सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त से मोटर वोट संचालन का आदेश भी प्राप्त है. विभाग को उक्त निविदा को रद्​द करते हुए वोट संचालन की जिम्मेदारी समिति को देनी होगी. समिति के सचिव श्यामल मार्डी ने कहा कि सरकार को विस्थापित बेरोजगारों का रोजगार लूटने के बजाय विस्थापितों के बकाया मुआवजा का भुगतान करने, सभी को संपूर्ण पुनर्वास की सुविधा देने और विस्थापितों के नियोजन पर ध्यान देने की जरूरत है.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp