Seraikela (Bhagya sagar singh) : जिले के विभिन्न क्षेत्र से कुछ ब्रांड की शराबें नहीं मिलने, निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूले जाने व जोरों पर शराब की कालाबाजारी चलने की चर्चा शराब सेवनकर्ताओं से सुनने को मिल रही थी. विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में 20 देशी शराब 19 विदेशी शराब व 25 कम्पोजिट शराब की अनुज्ञप्तिधारी दुकानें और 10 बार अभी चल रहे हैं. लेकिन कुछ समय से स्थानीय अनुज्ञप्तिधारी शराब दुकानों में कुछ ब्रांड के शराबों की कमी होने की शिकायतें आ रही थी.
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किसी दुकानदार के साथ नहीं किया जाता है अलग व्यवहार : उत्पाद अधीक्षक
इस संबंध में जिले के उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि मई व जून में राजस्व लक्षण की 108 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त हुई है. साथ ही प्रतिदिन औसतन 60 लाख की सेल घट कर शनिवार व रविवार छोड़ कर 42 से 43 लाख तक हो गयी है. सेल घटने के कारणों की जानकारी लेकर उनके निदान का प्रयास जारी है. उन्होंने कहा कि लाइसेंसी दुकानों को जो भी शराब चाहिए होती है, उपलब्ध करा दिया जाता है. चूंकि यह पूरा सिस्टम ऑनलाइन है, इसलिये किसी दुकानदार के साथ कोई अलग व्यवहार नहीं किया जाता है. विभाग के पास मैन पॉवर नहीं के बराबर है, इसके बावजूद दुकानदारों की समस्या समाधान और अवैध शराब कारोबारियों के विरुद्ध भी अभियान हर संभव चलाया जा रहा है.
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क्या कहते हैं दुकानदार
स्थानीय लाइसेंसी शराब दुकानदारों के अनुसार कुछ ब्रांड की शराबें व बियर यहां काफी दिनों तक नहीं मिल रही थी, जो कि इस क्षेत्र में अधिकाधिक प्रचलन में है. कुछ दिनों से सभी ब्रांड की शराब आने लगी हैं. अब धीरे-धीरे सेल में बढ़ोतरी होने की संभावना है. बियर को लेकर बताया गया कि लगभग एक महीने पूर्व बियर की कमी थी, लेकिन कुछ समय से दुकानों में बीयर के पर्याप्त स्टॉक हैं. वहीं, सरायकेला के एकमात्र रेस्टोरेंट एन्ड बार ‘जलसा’ के संचालकों ने बताया कि शराब की कमी को लेकर किसी प्रकार की समस्या अभी नहीं है.
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क्या कहते हैं नियमित शराब सेवनकर्ता
अधिकतर शराब सेवन करने वाले तो अपने इस लत को छुपाने के उद्देश्य से कुछ नहीं कहते, लेकिन कुछ दबे स्वर में यह अवश्य कहते हैं कि मैकडॉल, ब्लेंडर, आई बी, बिग पीपर, 08 पीएम जैसी शराबें दुकान में समय-समय पर नहीं मिलती थी. कुछ अलग-अलग ब्रांड की शराब मिला करती थी, जिससे उनका जायका बिगड़ गया था. यह शिकायत भी कुछ ग्राहक करते हैं कि कभी-कभी दुकानों में उनसे प्रिंट रेट से अधिक कीमत वसूला जाता है, पूछने पर बताया जाता था कि अभी शराब की किल्लत है. कुछ ग्राहक यह भी कहते हैं कि शराब खरीदने पर रशीद की मांग करने पर नहीं मिलती है. जिसके कारण शराब के सही या नकली होने व निर्धारित मूल्य की उन्हें जानकारी नहीं मिलती है. ग्राहकों के अनुसार सभी शराब खरीदने वालों को मांग करने पर रशीद उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिये.
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