Seraikela (Bhagya Sagar Singh): सरायकेला नगरपंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने बुधवार को काशी साहू महाविद्यालय के प्राचार्य से मिलकर महाविद्यालय में छऊ नृत्य की पढ़ाई प्रारंभ कराने के लिये पत्र सौंपा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि झारखंड सरकार द्वारा विश्व की अमूर्त कला छऊ नृत्य की अकादमी बनाने एवं छऊ नृत्य से संबंधित विषयों में छात्रों को शिक्षित करने की घोषणा की गई थी. लेकिन कई वर्ष बीतने के बावजूद आज तक सरायकेला नप क्षेत्र स्थित काशी साहू महाविद्यालय में छऊ नृत्य से संबंधित पढ़ाई शुरू नहीं होने से नगर सहित आस पास क्षेत्रों के अधिकतर इच्छुक विद्यार्थी छऊ नृत्य की शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. जिसका छऊ नृत्य कला के संरक्षण एवं विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
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राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान, स्थानीय स्तर पर उपेक्षा
उन्होंने लिखा है कि सरायकेला छऊ नृत्य अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान और ख्याति स्थापित कर चुका है. अब तक इस नृत्य को लेकर इसी अनुमंडल के सात कला गुरुओं को पद्मश्री सम्मान प्राप्त हुआ है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जितना सम्मान इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिया गया है, उतनी ही उपेक्षा स्थानीय स्तर पर की गई है. किसी भी कला की प्रतिष्ठा के लिये यह आवश्यक है कि स्थानीय स्तर पर उससे यथासंभव संरक्षण और सम्मान दिया जाए.
कोल्हान विश्वविद्यालय को प्रस्ताव प्रेषित करने का आग्रह
पत्र में कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण नृत्य कला को अब तक स्थानीय शिक्षण संस्थाओं में स्थान प्राप्त नहीं हुआ है. काशी साहू महाविद्यालय, सरायकेला में छऊ नृत्य की पढ़ाई प्रारंभ कराने की वर्षों पुरानी मांग है. इसलिये महाविद्यालय में छऊ नृत्य की पढ़ाई शुरू करवाने से संबंधित प्रस्ताव बनाकर कोल्हान विश्वविद्यालय को प्रेषित करने की उन्होंने प्राचार्य से आग्रह किया है. इसकी प्रतिलिपि सचिव उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उपायुक्त सरायकेला खरसावां, कुलपति कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, जिला शिक्षा पदाधिकारी सरायकेला खरसावां को भी भेजा गया है.
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