: मां की भक्ति में लीन हुए अनुमंडल क्षेत्र के श्रद्धालु, चहुंओर सुनाई दे रही देवी गीतों की गूंज
वर्षों से जुड़ी है आस्था
सरायकेला में सन 1620 में रियासत की स्थापना के बाद से ही तत्कालीन राजा द्वारा शक्ति की देवी दुर्गा माता की उपासना प्रारंभ किया गया था. युद्ध में सदा विजयी रहने की कामना करते हुए राजा एवं राजपरिवार के साथ-साथ तत्कालीन सेना के योद्धा परिवार भी शक्ति की उपासना करते थे एवं आज भी करते आ रहे हैं. उसी परम्परा के तहत रविवार को खरकई नदी के मजनघाट में पुरोहित के निर्देशानुसार विधिवत पूजा-अर्चना के साथ सरायकेला में राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव सहित अन्य सदस्यों ने खंडा धुआ रश्म पूरा किया. इसके तहत तलवार सहित अन्य अस्त्र-शस्त्र नदी में धोकर देवी माता के समक्ष पूजन हेतु रखे गए. अस्त्र शस्त्रों की यह पूजा निरंतर विजया दशमी तिथि तक जारी रहेगी. इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-people-caught-two-youths-running-away-after-stealing-mobile-from-pandal-handed-over-to-police/">आदित्यपुर: पंडाल से मोबाइल चुरा कर भाग रहे दो युवकों को लोगों ने पकड़ा, किया पुलिस के हवाले [wpse_comments_template]