Seraikela (Bhagya sagar singh) : विगत दिनों हुए मूसलाधार बारिश के कारण खरकई नदी में बाढ़ आ गयी थी. लेकिन अब नदी का जलस्तर तेजी से घटने लगा है. वहीं, बाढ़ के बहाव में बह कर आए बालू नदी के किनारों पर नजर आने लगे हैं. ऐसे में जहां उक्त बालू को स्थानीय जरूरतमंद टकटकी लगा कर देख रहे हैं, वहीं बालू का चोरी छिपे कारोबार करने वालों की भी गिद्ध दृष्टि बालू पर जमी हुई है.
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बालू न मिलने के कारण कई महीनों से आवास निर्माण ठप
शहर से गांव तक अनेक आवास योजनाओं के लाभुक मात्र बालू न मिलने के कारण कई महीनों से अपने आवास निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ रखे हैं. इनका कहना है कि एनजीटी द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की तिथि निकलने के बाद बालू उठाव की ठोस पहल सरकार को करनी चाहिये, ताकि जो बालू नदी से निकाले जाएं उसे उचित मूल्य पर खरीद कर उसका उपयोग अगल-बगल के लोगों को करने की सुविधा मिले.
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चोर बाजार में प्रति ट्रिप बालू की कीमत पांच से छह हजार रुपये
दूसरी ओर घात लगाकर बालू का अवैध कारोबार करने वाले मौके की तलाश में लगे हैं कि कैसे प्रशासन से नजरें बचा कर बालू का उठाव किया जाए. साथ ही मुंहमांगी कीमत पर जरूरतमंदों को बेच कर मुनाफा कमाया जाए. उल्लेखनीय है कि चोर बाजार में प्रति ट्रिप (90 से 100 सीएफटी) बालू की कीमत पांच से छह हजार रुपये होती है. इसी कारण विगत लगभग तीन-चार महीनों से सभी प्रकार के निर्माण कार्य ठप पड़े हुए हैं. सरकार द्वारा बालू उठाव को लेकर ठोस नीति नहीं बनाए जाने का खामियाजा विभिन्न तबके को भुगतना पड़ रहा है.
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