Chandil : चुआड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर रघुनाथ महतो की 287वीं जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर लोगों ने उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी. नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी गांव के सोनाडूंगरी में शहीद रघुनाथ महतो की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया.
समारोह को संबोधित करते हुए जेएलकेएम के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि जब ब्रिटिश सत्ता पूरे देश में अपने कदम जमा रही थी, तब क्रांतिवीर रघुनाथ महतो ने चुआड़ विद्रोह के माध्यम से उन्हें कड़ी चुनौती दी थी. उन्होंने जंगलमहल क्षेत्र में अंग्रेजों के विरुद्ध सशक्त आंदोलन खड़ा किया था. तरुण कुमार महतो ने कहा कि झाड़खंड के कई वीर सेनानियों को इतिहास में समुचित स्थान नहीं मिला है. समिति के प्रमुख बासुदेव महतो ने कहा कि 21 मार्च 1738 को नीमडीह प्रखंड के घुंटियाडीह ग्राम में जन्मे क्रांतिवीर रघुनाथ महतो अंग्रेजों से लड़ते हुए 5 अप्रैल 1778 को सिल्ली के लोटा गांव के ‘गढ़तैंतेइर’ में शहीद हो गए थे.
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