New Delhi : महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में राष्ट्रीय राजधानी से एक बड़ी खबर आयी है. खबर यह है कि दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दी है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात पहलवानों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर आज गुरुवार को दो अदालतों में चार्जशीट दायर की. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | The chargesheet has been filed under sections 354, 354D, 354A & 506 (1) of IPC, says Special Public Prosecutor Atul Srivastava on chargesheet in sexual harassment charges against former WFI chief Brij Bhushan Sharan Singh. pic.twitter.com/R2e1fIVJW6
— ANI (@ANI) June 15, 2023
#WATCH | Chargesheet filed against former WFI chief under sections 354, 354D, 354A IPC. In the POCSO case, we’ve filed a cancellation report on the basis of the statement of the father of the alleged victim and the victim: Suman Nalwa, PRO, Delhi Police on Brij Bhushan Sharan… pic.twitter.com/zHn56oUPNw
— ANI (@ANI) June 15, 2023
दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किये थे
पहली चार्जशीट छह बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में रॉउज एवन्यू कोर्ट में दाखिल की गयी.
दूसरी चार्जशीट पटियाला कोर्ट में नाबालिग की शिकायत पर दर्ज केस में पुलिस ने दाखिल की. इसी चार्जशीट में नाबालिग द्वारा लगाये गये आरोपों में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण को क्लीन चिट दी है. मामले की तह में जायें तो 21 अप्रैल को 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी.
नाबालिग की शिकायत पर POCSO एक्ट के तहत दर्ज किया गया था
दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किये थे. पहला मामला छह बालिग महिला पहलवानों का था. जबकि एक मामला नाबालिग की शिकायत पर POCSO एक्ट के तहत दर्ज किया गया था. बाद में नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल लिया था
दूसरे बयान में नाबालिग ने यौन शौषण का आरोप वापस ले लिया
नाबालिग ने मजिस्ट्रेट के सामने दिये गये पहले बयान में यौन शौषण की बात कही थी. दूसरे बयान में नाबालिग ने यौन शौषण का आरोप वापस ले लिया और कहा कि मुझे नहीं चुना गया था. मैंने बहुत मेहनत की थी, मैं डिप्रेशन में थी इसलिए गुस्से में यौन शौषण का मामला दर्ज करा दिया था. अदालत ने मामले को चार जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नालवा ने एक बयान में कहा, पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता तथा खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 के तहत पुलिस की एक रिपोर्ट दाखिल की है.
सिंह ने बताया कि अन्य पहलवानों द्वारा दर्ज कराई शिकायत पर आधारित दूसरे मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.
उन्होंने बताया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के एक निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (यदि कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि दुष्प्रेरित कार्य उकसाने के परिणामस्वरूप किया जाता है और जहां उसके दंड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान न हो), 354, 354ए और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है.