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शशि थरूर ने मोदी की तारीफ की, कहा, वे जेलेंस्की और पुतिन दोनों को गले लगा सकते हैं...मैं गलत था...

 मैं अभी भी अपने चेहरे से अंडा साफ कर रहा हूं क्योंकि मैं संसद में उन कुछ लोगों में से एक था, जिन्होंने फरवरी 2022 में भारत की स्थिति की आलोचना की थी. NewDelhi : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की है. थरूर ने कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जो रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित कर सकता है. कहा कि वर्तमान में भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है. हमें(भारत) दोनों रूस और यूक्रेन पर स्वीकार करने को तैयार हैं.

कांग्रेस सांसद ने कहा, मेरा कमेंट खुद ही सब कुछ कहता है

शशि थरूर मंगलवार को दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग में बोल रहे थे. पत्रकारों ने जब थरूर से उनके बयान के संदर्भ में पूछा, तो कांग्रेस सांसद ने कहा, मेरा कमेंट खुद ही सब कुछ कहता है. इसमें कुछ नया जोड़ने की जरूरत नहीं है. शशि थरूर के बयान को लेकर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, थरूर ने सच कहा है. कहा कि उम्मीद है, राहुल गांधी उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेंगे.

भारत की मजबूत नीति ने देश को एक महत्वपूर्ण भूमिका में ला खड़ा किया है

कांग्रेस नेता ने इस बात को माना कि रूस-यूक्रेन जंग पर भारत की स्थिति की आलोचना करना उनके लिए गलत साबित हुआ. कहा कि भारत की मजबूत नीति ने देश को एक महत्वपूर्ण भूमिका में ला खड़ा किया है, जिससे वह स्थायी शांति स्थापित करने में मददगार हो सकता है. इस क्रम में यह भी कहा कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ऐसे नेता हैं जो यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकते हैं.

 मैं अभी भी अपनी शर्मिंदगी कम करने की कोशिश कर रहा हूं

2-3 साल पीछे जायें तो शशि थरूर, उस समय भारत से रूस के हमले की निंदा करने की मांग कर रहे थे, ने कबूल किया कि उनकी आलोचना गलत साबित हुई.  मैं अभी भी अपनी शर्मिंदगी कम करने की कोशिश कर रहा हूं. मैंने वास्तव में फरवरी 2022 में उस वक्त भारतीय स्थिति की आलोचना की थी.उन्होंने कहा, मैं अभी भी अपने चेहरे से अंडा साफ कर रहा हूं क्योंकि मैं संसद में उन कुछ लोगों में से एक था, जिन्होंने फरवरी 2022 में भारत की स्थिति की आलोचना की थी. थरूर ने सफाई दी कि उनकी आलोचना संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन और यूक्रेन की संप्रभुता की बुनियाद पर आधारित थी, लेकिन तीन साल बाद उन्हें महसूस हुआ कि भारत की संतुलित नीति की वजह से पीएम मोदी रूस और यूक्रेन दोनों से बात करने में सक्षम हुए हैं. हर खबर के लिए हमें फॉलो करें
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