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शेख मुजीबुर्रहमान के आवास को प्रदर्शनकारियों ने जलाया, शेख हसीना बोलीं-इतिहास मिटाया नहीं जा सकता

LagatarDesk :  बांग्लादेश में पिछले साल पांच अगस्त को हुए तख्तापलट के बाद से स्थिति खराब है. बीते बुधवार की देर रात  प्रदर्शनकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं उग्र प्रदर्शनकारियों ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आवास और स्मारक को जला दिया, जो ढाका में स्थित धनमंडी 32 में है. इतना ही नहीं उनके घर को भी बुलडोजर से ढहा दिया. वे अवामी लीग पार्टी, जिसे शेख मुजीब ने बनाया था, पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. https://twitter.com/ANI/status/1887320258727584121

 शेख हसीना ने इस पर दी प्रतिक्रिया

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ढाका में स्थित धनमंडी 32 आवास उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत है. यहीं से उन्होंने देश की आजादी की घोषणा की थी. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना ने उनके पिता को इसी घर से गिरफ्तार किया था, लेकिन उस समय उन्होंने इस आवास को नुकसान नहीं पहुंचाया. जब शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश लौटे थे तो उन्होंने इसी घर से देश की नींव खड़ी की. शेख हसीना ने कहा कि उन्होंने कभी भी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री आवास में रहने का नहीं सोचा. वहीं, इसी घर में उनकी और मेरे पूरे परिवार की हत्या कर दी गयी थी.

देश में उनके खिलाफ चल रहा आंदोलन उनकी हत्या की साजिश है

शेख हसीना ने फेसबुक लाइव में कहा कि अगर अल्लाह ने उन्हें इन हमलों के बावजूद जिंदा रखा है, तो उन्हें कुछ खास करना होगा कहा कि उनके खिलाफ चल रहा आंदोलन उनकी हत्या की साजिश है, जिसमें मोहम्मद यूनुस शामिल हैं. अपने आवास पर हुए हमले के बारे में उन्होंने सवाल उठाया कि घर को आग क्यों लगाई गई? उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से इंसाफ की मांग की और कहा कि क्या उन्होंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया, तो उन्हें इतना अपमान क्यों सहना पड़ा?

घर जलाया जा सकता, लेकिन इतिहास मिटाया नहीं जा सकता

हसीना ने इस हमले पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके और उनकी बहन की जो यादें थीं, वो अब खत्म हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि घर जलाया जा सकता है, लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता. पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनके पास इतनी शक्ति नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और आजादी को नष्ट कर सकें, जिसे लाखों जवानों ने शहीद होकर हासिल किया.

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