सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के निर्णय से बेनकाब हुआ शिबू सोरेन परिवार
पैसा और परिवार की स्वार्थपूर्ति के लिए राजनीति करता है शिबू सोरेन परिवार
Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिर एकबार शिबू सोरेन परिवार निशाना साधा है. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित सात जजों के संविधान पीठ के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस केस के शिकायतकर्ता में वे स्वयं शामिल रहे हैं. इस फैसले से शिबू सोरेन परिवार की सच्चाई फिर एकबार उजागर हुई है. मरांडी सोमवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड से जुड़ा यह मामला 2012 के राज्यसभा चुनाव से जुड़ा है, जिसमे झामुमो विधायक सीता सोरेन के ठिकानों से पैसे बरामद हुए थे. सीबीआई ने उनके ऊपर आपराधिक मामला दर्ज किया था. सीता सोरेन ने अपने बचाव में हाईकोर्ट में अपील की. हाई कोर्ट में रद्द होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और आज मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित साथ जजों के संविधान पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया.
यह फैसला कई मिथक को तोड़ने वाला
मरांडी ने कहा कि यह फैसला कई मिथक को तोड़ने वाला है. चाहे सदन हो या कहीं और यदि मामला आपराधिक है तो आपराधिक ही माना जायेगा. कोई पैसा लेकर सवाल पूछे या वोट दे सभी आपराधिक हैं. शिबू सोरेन परिवार ने इस मामले में इतिहास रचा है. एमएलए, एमपी बनकर शिबू सोरेन परिवार ने पैसा लूटने का कोई अवसर नहीं छोड़ा है. शिबू सोरेन का राजनीतिक उद्देश्य है केवल पैसा कमाना और लूटना. इनकी राजनीति जनता के लिए नहीं, बल्कि परिवार के स्वार्थ की पूर्ति के लिए है. यह परिवार पहले पैसा,जमीन, खान खनिज लूटता है और फिर पकड़े जाने पर उसे वापस करने का नाटक करता है. हेमंत सोरेन ने पहले मुख्यमंत्री रहते अपने नाम खदान आवंटित किया, फिर उसे रद्द कर दिया. 8.5 एकड़ जमीन मामले में भी बातें जब उजागर हुईं, तो आनन फानन में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए जमीन को मूल रैयत को वापस करने का प्रयास किया. एक तरफ लोग चिल्ला कर कह रहे यह जमीन हेमंत सोरेन का है और मनी लांड्रिंग तो यही होती है, जिसमें बेनामी संपत्ति अर्जित की जाती है. शिबू सोरेन तो लोकपाल को पुराना मामला बताकर रिलीफ की मांग कर रहे. चोरी जब पकड़ी जायेगी तभी सजा मिलती है. समय बीत जाने से अपराध कम नहीं हो जाता.