Vinit Abha Upadhyay
Ranchi: विधानसभा में पिछले दिनों बोकारो डीसी से छुब्ध सत्ताधारी दलों के दो विधायकों ने अपना दुखड़ा रोया. विधायकों की पीड़ा यह है कि डीसी जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनती और उन्हें दायरे में रहने को कहती हैं. लेकिन जिले के लोगों के बीच यह चर्चा है कि यह पूरा प्रकरण एक सरकारी ऑफिस को शिफ्ट किये जाने को लेकर शुरू हुआ, जिसे अब अलग मोड़ दिए जाने की कोशिश की जा रही है.
दरअसल बोकारो जिले में संचालित सब रजिस्ट्रार कार्यालय को आईटीआई मोड़ स्थित एसडीओ ऑफिस के पास शिफ्ट किया जा रहा है. सब रजिस्ट्रार कार्यालय एसडीओ ऑफिस की बिल्डिंग में इसलिए शिफ्ट किया जा रहा है क्योंकि फिलहाल जहां रजिस्ट्री कार्यालय था, वह भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और उस भवन में कभी भी हादसा हो सकता है.

सब रजिस्ट्रार ऑफिस में काफी महत्वपूर्ण लैंड रिकॉर्ड रखे हुए हैं और उन रिकॉर्डस की सुरक्षा के साथ-साथ वहां आने जाने वालों की सुविधा भी आवश्यक है.
पूर्व में जहां रजिस्ट्री कार्यालय संचालित हो रहा था, वहां से नया ऑफिस मात्र 200 मीटर की दूरी पर है. 10 मार्च से नए भवन में रजिस्ट्री होगी और इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जिला प्रशासन ने ऑफिस इसलिए शिफ्ट किया, ताकि भूमि से जुड़े सरकारी दस्तावेज पूरी तरह सुरक्षित रहें लेकिन इस मामले को तूल दे दिया गया.
इस प्रकरण के दूसरे दिन विधानसभा के शून्यकाल में चतरा विधायक जनार्दन पासवान ने रिकॉर्ड रूम में भू-दस्तावेजों की हेराफेरी का गंभीर मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भूमि माफिया अवैध रूप से सरकारी और निजी जमीनों के कागजात में हेरफेर कर जमीन की बिक्री कर रहे हैं.
लेकिन दूसरी तरफ जिला प्रशासन लैंड रिकॉर्ड सुरक्षित करने की कोशिश कर रहा है और इसमें जनप्रतिनिधि दखल दे रहे हैं. दरअसल पिछले वर्ष राज्य सरकार ने यह आदेश दिया था कि रजिस्ट्री कार्यालय जिला प्रशासन के कार्यालय के अधीनस्थ कार्यालय में ही संचालित किया जाए, ताकि वहां के क्रियाकलापों पर जिले के सीनियर अफसरों की नज़र रहे.
लेकिन बोकारो में रजिस्ट्री ऑफिस के एसडीओ ऑफिस में शिफ्ट होने से कई ऐसे लोगों की दुकानदारी बंद होने वाली है, जो अवैध ढंग से जमीन की खरीद-बिक्री करने का सिंडिकेट चलाते हैं.
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