Kolkata : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही तृणमूल कांग्रेस को अपने घर में ही झटके के बाद झटका लग रहा है. शुक्रवार की सुबह बैरकपुर से विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी को अलविदा कह दिया. इसके बाद दोपहर होते होते अल्पसंख्यक प्रकोष्ट में महासचिव कबिरुल इस्लाम ने भी दामन छोड़ दिया है. टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं की बगावत से ममता बनर्जी परेशान हैं. लिहाजा आनन-फानन में टीएमसी ने अपने नेताओं की आपात बैठक बुलाई.
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इधर सुवेंदु अधिकारी के साथ शीलभद्र के भी बीजेपी का दामन थामने के कयास लगाए जा रहे हैं. पिछले दो दिन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चार झटके लगे हैं. गुरुवार को सुवेंदु अधिकारी और आसनसोल से जिलाअध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने पार्टी छोड़ दी थी. आपको बता दें कि शीलभद्र दत्ता 24 परगना जिले के बैरकपुर से विधायक हैं.
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उधर जितेंद्र तिवारी भी दो बागियों के साथ कोलकाता पहुंचे हैं. कुछ समय पहले ही उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ चेयरमैन पद भी छोड़ दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जब राज्य सरकार को लगा कि मेरा जीवन कीमती है, उन्होंने मुझे सुरक्षा दी. अब सरकार को लगता है कि मेरे जीवन का कोई मोल नहीं है, मेरी सुरक्षा हटा दी गई।’ फिलहाल जितेंद्र पांडेश्वर से विधायक हैं.
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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के किले में एक-एक करके सेंध लगती जा रही है. नेताओं के बीच पार्टी छोड़ने की होड़ जैसी मची है. लिहाजा पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आपातकालीन बैठक बुलाई है. हालांकि, टीएमसी का कहना है कि यह कोई इमर्जेंसी मीटिंग नहीं है, बल्कि यह पार्टी की नियमित बैठकों का ही एक हिस्सा है. अगले साल बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. इससे पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में भगदड़ मची है.
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