Patna : चिराग पासवान और उनके चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के बीच लोक जनशक्ति पार्टी पर कब्जे को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. इस लड़ाई में दोनों को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है. यह चुनाव चिह्न फिलहाल पशुपति पारस या चिराग पासवान किसी गुट को नहीं मिलेगा. दोनों ओर से इसके लिए दावे किये गए थे.
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आयोग ने सुझाये अंतरिम उपाय
इस मामले में चुनाव आयोग ने कहा है कि पशुपति पारस या चिराग पासवान दोनों गुटों में से किसी को भी लोजपा के चिह्न का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसलिये दोनों गुट अंतरिम उपाय के रूप में नए नाम और चुनाव चिह्न अपने उम्मीदवारों को आवंटित कर सकते हैं. मालूम हो कि पशुपति पारस ने लोकसभा में खुद को संसदीय दल का नेता घोषित कराने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर अपने आपको अध्यक्ष भी घोषित किया है. चुनाव आयोग में सबसे पहले पशुपति पारस की तरफ से ही नाम पर चिह्न पर दावा किया गया था. पशुपति पारस गुट की तरफ से किए गए तमाम फैसलों की जानकारी चुनाव आयोग को दी गयी थी.