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रिम्स निदेशक डॉक्टर राजकुमार को कारण बतओ नोटिस जारी

Ranchi: राज्य सरकार ने रिम्स के निदेशक डॉक्टर राजकुमार को विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. निदेशक को जिन मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उसमें रिम्स के लिए मिले 691 करोड़ रुपये वापस करना, वित्तीय अनियमितता, वित्तीय कुप्रबंधन, बिना लिखित परीक्षा के एमएचए कोर्स में अपने बेटे सहित अन्य के एडमिशन का मामला शामिल है. सरकार की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि एमएचए कोर्स में लिखित परीक्षा के आधार पर एडमिशन लेना था. लेकिन लिखित परीक्षा के बदले वाक इन इंटरव्यू के आधार पर एडमिशन लिया गया. इसमें आपके (निदेशक के) बेटे ऋषभ कुमार का भी एडमिशन हुआ. कोर्स में किसी तरह का वजीफा देने का नियम नहीं था. लेकिन गवर्निंग बॉडी की 58 वीं बैठक में 30 हजार रुपये प्रति माह वजीफा देने का प्रस्ताव पेश किया गया. सेवा नियमितीकरण की प्रक्रिया में लखनऊ एसपीजीआइ के सदस्यों की एक समिति बनायी गयी थी. इसमें आपने अपने बेटे को शामिल कर लिया. इस मुद्दे पर आपसे स्पष्टीकरण पूछा गया था. लेकिन आपने कोई जवाब ही नहीं दिया. राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कराण बताओ नोटिस में कहा गया है कि रिम्स नियमावली में निहित प्रावधान के अनुसार एक करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर जारी करने से पहले इसे स्थायी वित्तीय समिति के सामने रखना जरुरी है. लेकिन निदेशक ने स्थायी समिति की अनुशंसा के बिना ही एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का टेंडर प्रकाशित किया. इसके अलावा प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही सामग्रियों की खरीद के लिए टेंडर प्रकाशित किया. रिम्स नियमावली में योजनाओं के लिए सक्षम प्राधिकार से योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति लेने की बाध्यता है. निर्धारित प्रक्रिया को पूरा किये बिना किये गये सभी कार्य वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आते हैं.  सरकार की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि गवर्निंग बॉडी की बैठक में पारित किये गये प्रस्ताव को दो सप्ताह के अंदर सरकार को भेजना है. लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद आपने इसे राज्य सरकार को नहीं भेजा. वित्तीय एवं सेवा से संबंधित मामलों को गर्वनिंग बॉडी में पेश करने से पहले उसे स्थायी वित्तीय व लेखा समिति के समक्ष रखना है. लेकिन इसे बाईपास करते हुए इससे संबंधित कई विषयों को गवर्निंग बॉडी में पेश किया गया. 59वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में एजेंडा नंबर 9 के तहत सेवा और खरीद में निर्धारित मापदंडों में छूट की सिफारिश की गयी थी. इसे स्थायी समिति की अनुशंसा के बिना ही गवर्निंग बॉडी की बैठक में पेश किया गया था. सरकार की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वास्थ्य सेवाओं के कुशल प्रबंधन के लिए दिये गये पैसों को खर्च नहीं किया. संबंधित वित्तीय वर्ष में 691 करोड़ रुपये सरकार को वापस कर दिया गया. इसी अवधि में रिम्स को अनुदान के रूप में 300 करोड़ रुपये दिये गये थे. लेकिन इस राशि का भी पूरी तरह उपयोग नहीं किया गया. यह निदेशक की कार्य कुशलता और वित्तीय कुप्रबंधन को दिखाता है. रिम्स में पीपीपी मोड पर शुरू की गयी डॉयग्नोस्टिक सेवा को बिना किसी विकल्प के ही बंद कर दिया. इससे आम लोगों की परेशानियां बढ़ी. सरकार द्वारा बार बार बकाया भुगतान का निर्देश दिया गया. लेकिन इस दिशा मे कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी. यह सरकारी आदेशों का उल्लंघन है.

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