Nirsa : निरसा प्रखंड के सोनबाद पंचायत अंतर्गत लुआडीह स्थित गंधेश्वर मंदिर प्रारंभ में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास राजेश किशोर गोस्वामी ने श्रीकृष्ण भगवान के जन्म तथा आध्यात्मिक ज्ञान विज्ञान तकनीक विकास के बारे में विस्तृत पूर्वक अपनी बातों को रखा. बताया कि किस तरह देवकी के गर्भ से आठवीं संतान के पैदा होने के बाद वासुदेव जी महाराज भगवान कृष्ण को बदलकर उनकी जगह पर योग माया को लेकर आए. भगवान कृष्ण को गोकुल में यशोदा मैया की गोद में देकर आ गए. यशोदा मैया की गोद में तो कन्या पैदा हुई थी. भगवान की लीला हुई वासुदेव जी को आकाशवाणी से हुक्म हुआ कि लाला को नंद बाबा के घर यशोदा मैया के पास छोड़कर कन्या को लेकर वापस कंस की जेल में आना है. नंदलाल के पैदा होने की खुशी में नंद बाबा के यहां उत्सव शुरू हो गया. बधाई देने वालों का तांता लग गया. इधर कंस को जब पता चला कि देवकी के आठवां बच्चा पैदा हो गया है. उन्होंने बच्ची को मारने की जब कोशिश की. वह योगमाया का रूप लेकर आकाश में चलीं गई. वहां उन्होंने भविष्यवाणी की कि तुझको मारने वाला तो गोकुल में पैदा हो चुका है. कंस ने सभी नए जन्मे बच्चों को मारने के लिए पूरी कोशिश की, परंतु वह किसी भी तरह भगवान कृष्ण का बाल भी बांका नहीं कर पाए. इस तरह से बहुत सारे अत्याचार किए, परंतु भगवान अपने बाल रूप में अनेक लीलाएं करते आगे बढ़ते गए. कथा सुन रहे सभी लोगों ने भजन पर मंत्र मुग्ध होकर डांस किया. सैकड़ों की संख्या में आज महिला-पुरुष व बच्चों ने कथा का आनंद उठाया. कार्यक्रम की सफलता में शपथ घाटी, घरघाटी जगन्नाथ घाटी, गोविंद घाटी, आलोक घाटी व मंदिर कमेटी के सदस्य काफी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
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