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‘शुभम संदेश’ पड़ताल : शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों का भोजन डकार रहे ठेकेदार

Pramod Upadhyay Hazaribagh : हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों का भोजन ठेकेदार डकार रहे हैं. इनमें सरकार की ओर से बच्चों को मिलनेवाले भोजन में भी कटौती करने का मामला प्रकाश में आया है. शिकायत मिलने पर शुक्रवार को ‘शुभम संदेश’ ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को मिलनेवाले भोजन की पड़ताल की. इसमें पता चला कि दरअसल सरकार की ओर से अस्पताल में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले, इसके लिए कमांडो कंपनी को ठेका दिया गया है. इसके लिए सरकार की ओर से प्रत्येक मरीज के तीन वक्त के भोजन के लिए 100 रुपए कंपनी को दिया जाता है. इसमें मरीजों के सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना देना है. हर दिन अलग-अलग निर्धारित मेन्यू परोसना है. सप्ताह में एक दिन पनीर भी देना है. मरीजों की जानकारी के लिए सभी वार्ड में प्रत्येक दिन मेन्यू चार्ट लगाना है. लेकिन ठेकेदार रसोई घर में ही सिर्फ मेन्यू चार्ट लगा रखा है. किसी भी वार्ड में मेन्यू का चार्ट नहीं लगाया गया है. रसोई घर में लगे मेन्यू चार्ट का भी पूरी तरह पालन नहीं होता. चार्ट में मेन्यू कुछ और रहता है और मरीजों को भोजन में कुछ और परोसा जाता है. सक्षम मरीज अस्पताल का भोजन नहीं खाते, फिर भी सूची में उनके नाम दिए गए भोजन का जिक्र रहता है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/01/sadar-hospital-patient_67-1-e1673001654448.jpg"

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ऐसे दिया जा रहा था नाश्ता और खाना

अस्पताल में शुक्रवार को करीब 256 मरीज भर्ती थे. जेनरल वार्ड में नाश्ते में ब्रेड, अंडा और ढाई सौ ग्राम दूध देने का प्रावधान था. बरवाचट्टी के मरीज प्रदीप पांडेय ने बताया कि यहां दूध में पानी मिलाकर दिया जा रहा था. वहीं बच्चा वार्ड में एक पीस अंडा, काजू-किसमिस 50 ग्राम, आधा किलो दूध और सौ ग्राम ब्रेड का पैकेट देना था. भर्ती ऋषि कुमार राज के परिजनों ने बताया कि नाश्ते में ब्रेड एक पीस, अंडा और लगभग 200 ग्राम दूध दिया गया. नाश्ते में काजू-किसमिस नदारद थे.

ऐसे गिनाया जाता है अस्पताल में भर्ती मरीजों का आंकड़ा और दिया जाता है भोजन का हिसाब

भोजन बनाने वाली कंपनी कमांडो को अस्पताल प्रबंधक रात में मरीजों का आंकड़ा देता है. आंकड़े के अनुसार भोजन बनाया जाता है. शुक्रवार को बच्चा वार्ड में दिन के 10 बजे तक 22 मरीज भर्ती थे और दोपहर 12 बजे तक 50% मरीजों के बेड खाली हो गए. उनकी छुट्टी हो गई. ऐसे में दोपहर के भोजन का आंकड़ा कैसे पता चल पाएगा, यह बड़ा सवाल है. ऐसे में मरीजों के भोजन बना दिया गया और उसका भुगतान भी हो गया.

क्या कहते हैं कमांडो कंपनी के डायरेक्टर 

कमांडो कंपनी के डायरेक्टर टुनटुन सिंह ने कहा कि अस्पताल से आंकड़ा दिया जाता है और आंकड़ा के अनुसार भोजन बनता है. इसके लिए सरकार की ओर से प्रत्येक मरीज के तीन वक्त के भोजन के लिए 100 रुपए कंपनी को मिलता है. इसमें एक वक्त नाश्ता और दो वक्त खाना देने का प्रावधान है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस वार्ड में मेन्यू चार्ट नहीं है, उसे जल्द लगा दिया जाएगा. इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी.

जांच के बाद सुधार की गई है : सुपरिटेंडेंट 

इस संबंध में सुपरिटेंडेंट विनोद कुमार ने बताया कि पूर्व में भोजन में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. उसकी जांच के बाद अब मेन्यू में सुधार कर लिया गया है. जिस वार्ड में मेन्यू चार्ट नहीं है, वहां जल्द लगा दिया जाएगा. [wpse_comments_template]