- एक किमी के सफर में 68 जगहों पर रूकावट, औसत से कम रफ्तार में भी आफत
- क्लच-ब्रेक के बिना चलना मुश्किल, इंधन की भी होती है अधिक खपत
Amarnath Pathak Hazaribagh : हजारीबाग की सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का जाल बिछा हुआ है और इससे वाहन चालक बेहाल हैं. शहर के कई सड़कों पर कदम-कदम पर स्पीड ब्रेकर डाले जाने से वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शुभम संदेश की पड़ताल में पांच सड़कों पर करीब 68 स्पीड ब्रेकर ऐसे मिले, जहां उसे नहीं भी बनाया जाए, तो कहीं से किसी प्रकार की परेशानी नहीं है. वाहन चालकों का कहना है कि ऐसे में कम रफ्तार में भी वाहन को चलाने में परेशानी होती है. कहीं आने-जाने में ज्यादा वक्त लगते हैं. स्थिति यह है कि कलच-ब्रेक के बिना वाहन चलाना मुश्किल है. इससे ईंधन की खपत भी बढ़ती है. लोगों का कहना है कि जहां ज्यादा जरूरी है, वहां जरूर स्पीड ब्रेकर लगे. वह भी एक अंतराल पर ब्रेकर लगे, तो ठीक है. स्कूल, कॉलेज, आबादी वाले इलाकों में जहां एक्सीडेंटल जोन है, वहां स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं, तो चलेगा. लेकिन दो कदम बढ़े नहीं कि फिर स्पीड ब्रेकर मिले, तो ऐसी स्थिति में वाहन चलाने का मन नहीं करता है.
इन जगहों पर स्पीड ब्रेकर से परेशानी
जुलू पार्क : जुलू पार्क में बिशप हाउस के बाद लगातार आठ स्पीड ब्रेकर हैं. फिर 100 मीटर आगे जाने पर पांच स्पीड ब्रेकर मिलेंगे.
डिस्ट्रिक्ट चौराहा : ऐसा ही स्पीड ब्रेकर डिस्ट्रिक्ट चौराहे के ठीक पहले है. वहां भी पांच स्पीड ब्रेकर एक ही साथ हैं. रांची-पटना रोड स्थित पुराने डीएसई ऑफिस के पास भी पांच स्पीड ब्रेकर है.
डीवीसी चौक : डीवीसी चौक के दोनों ओर रांची-पटना रोड पर तीन-तीन स्पीड ब्रेकर है.
लोहसिंगना-बाडम बाजार मार्ग : करीब 300 मीटर की दूरी के बीच 12 स्पीड ब्रेकर है.
ओकनी-राजा बंगला मार्ग : मेन रोड से घुसते ही एक स्पीड ब्रेकर. फिर बंगाली टोला मोड़ से पास एक, दो कदम बढ़ने पर चार, फिर चार कदम पर दो, पूर्व वार्ड पार्षद सुधीर सिन्हा के घर के पास एक और ओकनी मोड़ पर एक स्पीड ब्रेकर है. कुल मिलाकर दर्जनभर स्पीड ब्रेकर ने वाहनों चालकों की रफ्तार सामान्य से भी कम कर दी है.
शिवाजी नगर : स्टेट बैंक मुख्य शाखा से हेड पोस्ट ऑफिस रोड में भी कदम-कदम पर करीब दर्जनभर स्पीड ब्रेकर लगे हैं.
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दो स्पीड ब्रेकर ही काफी : दिनेश सिंह
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दिनेश सिंह[/caption] राजा बंगला निवासी दिनेश सिंह कहते हैं कि राजा बंगला-ओकनी रोड में दो स्पीड ब्रेकर ही काफी है. एक बंगाली टोला और एक ओकनी मोड़ के पास. वह स्कूटी से आना-जाना करते हैं. बार-बार स्पीड ब्रेकर आने से वाहन चलाने से मन उब जाता है. जल्दबाजी में स्पीड ही धीमी हो जाती है.
शहर में पैदल चलना ही ठीक : राजेश कुमार
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राजेश कुमार[/caption] ओकनी तालाब रोड लोहसिंगना के निकट रहनेवाले सहायक अध्यापक राजेश कुमार कहते हैं कि शहर में पैदल चलना ही ठीक है. वाहन निकालिए, तो हर जगह स्पीड ब्रेकर. जगह-जगह ठोकर से तंग आ चुके हैं. एक तो बिना क्लच-ब्रेक के चल नहीं सकते और ऊपर से ईंधन की खपत. आबादी वाले इलाकों में जरूरत के अनुसार और शिक्षण संस्थानों के पास स्पीड ब्रेकर लगाए जाने चाहिए.
जगह-जगह ब्रेकर से जाया होता है वक्त : प्रीति कुमारी
जुलू पार्क रोड में ई-रिक्शा में सवार प्रीति कुमारी कहती हैं कि जगह-जगह ब्रेकर से वक्त जाया होता है. स्कूल-कॉलेज, आबादी वाले इलाकों में एकाध ब्रेकर लगाने की जरूरत है. कदम-कदम पर स्पीड ब्रेकर से वाहन चालकों को परेशानी होती है.
स्पीड ब्रेकर के लिए स्थानीय लोग जिम्मेवार : ईई
पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता(ईई) सुभाष प्रसाद कहते हैं कि स्पीड ब्रेकर के लिए स्थानीय लोग जिम्मेवार हैं. सड़क बनाते वक्त जबरन हर घर के सामने स्पीड ब्रेकर लगवाते हैं. नहीं लगाने पर खुद से मुहल्लेवासी स्पीड ब्रेकर लगा लेते हैं. दरअसल आजकल के युवा काफी तेज वाहन चलाते हैं. ऐसे में उनकी रफ्तार रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन आया था. पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाई जानेवाली सड़कों पर अब स्पीड ब्रेकर की जगह जागरुकता से संबंधित साइन बोर्ड, पीली बत्ती, स्पिलिंटर, यलो क्रॉसिंग आदि लगाए जा रहे हैं. हाइवे में तो कहीं स्पीड ब्रेकर की मनाही है. अगर स्पीड ब्रेकर दिया भी गया है, तो करीने से ताकि आसानी से वाहन पार कर जाए.
मुख्य सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का प्रावधान नहीं है : राणा
पीडब्ल्यूडी से सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार राणा कहते हैं कि एनएच और शहर की मुख्य सड़कों पर स्पीड ब्रेकर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है. यह सुप्रीम कोर्ट का गाइड लाइन है. इसमें दलील यह है कि कई बार स्पीड ब्रेकर के कारण वाहन संचालकों की मौत तक हुई है. साथ ही दुर्घटनाएं भी होती रहती है. यह सही है कि स्पीड ब्रेकर लगे, लेकिन सलीके से और जहां जरूरत हो. [wpse_comments_template]
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