Lagatar Desk : भारत के अंतरिक्ष सफर में एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया है. एक्सिओम-4 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपने तीन साथियों के साथ अंतरिक्ष पर पहुंच गये हैं और सभी ने वहां एक रात गुजार ली है. शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला वीडियो मैसेज भी भेजा है. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि अंतरिक्ष से नमस्कार! शुभांशु शुक्ला ने बताया कि उन्होंने अंतरिक्ष में अपनी पहली रात गुजार ली है और वहां के माहौल में ढलने की कोशिश कर रहे हैं. यहां खाना-पीना, चलना-फिरना… सब एक बच्चे की तरह सीखना पड़ रहा है. मैं बहुत सो रहा हूं, लेकिन यह एक छोटा नहीं बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में ठोस कदम है.
#WATCH | "Namaskar from space! I am thrilled to be here with my fellow astronauts. What a ride it was," says Indian astronaut Group Captain Subhanshu, who is piloting #AxiomMission4, as he gives details about his journey into space.
— ANI (@ANI) June 26, 2025
Carrying a soft toy Swan, he says, in Indian… pic.twitter.com/Z09Mkxhfdj
अंतरिक्ष में रहना एक रोमांचकारी अनुभव
अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि 30 दिन के क्वारंटीन के बाद अब अंतरिक्ष में रहना एक रोमांचकारी अनुभव है. मैं उस हर शख्स को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने इस मिशन में मेरा साथ दिया, यह सिर्फ मेरी नहीं, मेरे परिवार और दोस्तों की भी सफलता है.
नन्हा साथी भी उनके साथ
वीडियो में शुभांशु शुक्ला के साथ उनका सॉफ्ट टॉय ‘हंस’ भी नजर आया. शुक्ला ने बताया कि यह हंस भारतीय संस्कृति में ज्ञान का प्रतीक माना जाता है और उन्होंने इसे साथ लेकर अंतरिक्ष में अपने देश की सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाया है. शुक्ला ने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन की ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने भारतीय तिरंगा अपने कंधे पर रखा था, जो यह याद दिलाता है कि इस यात्रा में वह अकेले नहीं हैं, पूरा देश उनके साथ है.
41 साल बाद अंतरिक्ष में भारतीय की वापसी
गौरतलब है कि 41 वर्षों बाद किसी भारतीय नागरिक ने अंतरिक्ष की यात्रा की है. शुभांशु शुक्ला ने उड़ान के ठीक 10 मिनट बाद एक संदेश भेजा था. उन्होंने कहा था कि नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों… What a ride! 41 साल बाद हम फिर अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. यह एक कमाल की यात्रा है. फिलहाल हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं. मेरे कंधे पर तिरंगा है, जो मुझे याद दिला रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं.