Kolkata : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आज शुक्रवार सुबह CEC ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर CM ममता बनर्जी की टिप्पणी और 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के लिए भारत के चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई. शुभेंदु अधिकारी ने कहा, कल गुरुवार टीएमसी कार्यकर्ताओं की बैठक में ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर सवाल उठाया. आरोप लगाया कि भाजपा प्रमुख पदों पर अपने लोगों को नियुक्ति कर संवैधानिक निकाय को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह संविधान पर खुला हमला है. उन्होंने कहा, ममता संविधान को निशाना बना रही हैं... उन्होंने (ममता बनर्जी) नियुक्ति को चुनौती दी है और कहा है कि यह राजनीतिक है. यह बीआर अंबेडकर के संविधान पर खुला हमला है. उन्होंने अपनी सीमाएं पार कर दी हैं.
ममता बंगाल के मतदाताओं के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश कर रही हैं
शुभेंदु ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर ममता बंगाल चुनाव से पहले बंगाल के मतदाताओं के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ममता ने उन मतदाताओं के नाम पढ़े, जिनको लेकर उन्होंने(ममता) आरोप लगाया कि उन्हें बाहर से मतदाता सूची में जोड़ा गया है. शुभेंदु ने कहा कि ममता बनर्जी ने सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में आपके(ज्ञानेश कुमार) कार्यकाल का विशेष उल्लेख किया, लेकिन उन्होंने सुविधाजनक रूप से यह छोड़ दिया कि सीईसी और ईसी ऐसे व्यक्तियों में से होने चाहिए जो भारत सरकार के सचिव के पद के समकक्ष पद पर हों या रह चुके हों और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन के प्रबंधन में ज्ञान और अनुभव वाले ईमानदार व्यक्ति हों.
ममता ने संवैधानिक निकाय ईसीआई पर निशाना साधकर सारी हदें पार कर दी हैं
शुभेंदु अधिकारी ने कहा,मुख्यमंत्री(ममता) ने संविधान के अनुसार स्थापित एक स्थायी संवैधानिक निकाय ईसीआई पर निशाना साधकर सभी हदें पार कर दी हैं. उन्हें आपकी नियुक्ति या ईमानदारी पर सवाल उठाने का कोई अधिकार या अधिकार नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं होगा, तब तक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते.बता दें कि ममता बनर्जी ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी बंद नहीं होने पर दिल्ली में निर्वाचन आयोग के सामने धरना देने की धमकी दी थी. दावा किया था कि भाजपा ने महाराष्ट्र और दिल्ली में विधानसभा चुनाव में बाहरी राज्यों से फर्जी मतदाताओं को शामिल कर जीत हासिल की थी.
कांग्रेस और सीपीएम ने ममता को याद दिलाया, मतदाता सूची में संशोधन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है
चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि महाराष्ट्र में मतदाताओं के नाम हटाने में कोई अनियमित पैटर्न नहीं है, जैसा कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस के निराधार आरोपों को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया था. बता दें कि कांग्रेस और सीपीएम ने गुरुवार को ममता को याद दिलाया था कि हालांकि विधानसभा और संसदीय चुनाव चुनाव आयोग द्वारा कराये जाते हैं, लेकिन मतदाता सूची में संशोधन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. बंगाल में विपक्ष ने लगातार चुनावों में सत्तारूढ़ टीएमसी द्वारा मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े जाने की शिकायत की थी.
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