Shut Up- सिर्फ तेल खरीद कर देश के हर परिवार ने सात साल में दिया एक लाख रूपये टैक्स
Girish Malviya बहुत से लोग आपको कहते हुए मिल जाएंगे कि भारत में तो आम आदमी सरकार को कोई टैक्स देता ही नहीं है. कुल मिलाकर एक से डेढ़ प्रतिशत आबादी ही टैक्स देती है. ऐसे लोगों में ज्यादातर समर्थक लोग हैं. जिन्हें जो बता दिया गया है, उसी का रट्टा लगाये जा रहे हैं और इस झूठ को हर कीमत पर सच साबित करने में लगे हैं. क्योंकि यह पूरी तरह से झूठ बात है. भले ही भारत का आम नागरिक प्रत्यक्ष रूप से कम कर देता है. लेकिन अप्रत्यक्ष रुप से वह बहुत ज्यादा कर दे रहा है. सिर्फ तेल (पेट्रोल-डीजल) खरीद कर ही देश का हर परिवार सरकार को एक लाख रूपया टैक्स के रूप में दे चुका है. आपको जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि वर्ष 2014 से 2021 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने ईंधन पर टैक्स के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए. यदि हम मोटे तौर पर मान लें कि भारत में कुल साढ़े छब्बीस करोड परिवार हैं. तो एक परिवार मोदी सरकार को सिर्फ पैट्रोल, डीजल गैस पर ही कुल एक लाख रुपए पिछले साढ़े सात साल में दे चुका है. इसके अलावा खाने के तेल, साबुन, कपड़े, जूते, किताब-कॉपी में भी टैक्स देते हैं. फिर भी कुछ ऐसे (हाल में ज्यादा हो गये हैं) लोग महंगाई को जायज ठहराने के अभियान में लगे रहते हैं, यही कहेंगे कि देश के 99 प्रतिशत लोग टैक्स ही नहीं देता. रोजमर्रा की जरूरी सामानों के अलावा भी सरकार लोगों से कई तरीके से टैक्स वसूली कर रही है. वाहन खरीदी पर सिंगल टाइम रोड टैक्स वसूल करती है और टोल नाकों पर जो वसूली होती है, वो तो अलग ही है. आप जो भी वस्तु खरीदते हों या बेचते हों उसमें से भी सरकार को कर के रुप में हिस्सा मिलता है. जैसा कि लोग कहते हैं कि आम आदमी सरकार को टैक्स नहीं दे रहा है तो यह लाखों करोड़ रुपया क्या हवा से आ रहा है? डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. [wpse_comments_template]

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