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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नजरिये में बदलाव के संकेत, आतंकवाद को लेकर जारी बयान से हटाया तालिबान का नाम

NewDelhi :  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा तालिबान को लेकर अपना नजरिया बदले जाने की खबर है. बता दें कि काबुल पर कब्जे के एक दिन बाद 16 अगस्त को UNSC ने अफगानिस्तान को लेकर एक बयान जारी किया था. इसमें तालिबान से आग्रह किया गया था कि वह किसी भी देश में आतंकवाद का समर्थन न करे. जान लें कि भारत अगस्त में सुरक्षा परिषद की पहली बार अध्यक्षता कर रहा है. इस बयान पर भारत द्वारा भी हस्ताक्षर किये गये थे.  लेकिन अब जानकारी सामने आयी है कि इस बयान से तालिबन का नाम हटा लिया गया है. इसे भी  पढ़ें : अफगानिस्तान">https://lagatar.in/britains-rescue-operation-in-afghanistan-ends-15-thousand-civilians-brought-back-safely/144210/">अफगानिस्तान

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वैश्विक स्तर पर तालिबान का बहिष्कार नहीं किया जा सकता

जानकारों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से यह पहला संकेत है कि अब वैश्विक स्तर पर तालिबान का बहिष्कार नहीं किया जा सकता. 16 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने UNSC की ओर से एक बयान जारी किया. इसमें लिखा गया था कि ‘सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में आंतकवाद से मुकाबला करने के महत्व का जिक्र किया है. यह सुनिश्चित किया जाये कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकी देने या हमला करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, और न ही तालिबान और न ही किसी अन्य अफगान समूह या व्यक्ति को किसी अन्य देश के क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों का समर्थन करना चाहिए. इसे भी  पढ़ें :  सुब्रमण्यम">https://lagatar.in/subramanian-swamys-advice-to-the-modi-government-if-china-does-not-vacate-the-space-then-india-should-fight-with-it/144298/">सुब्रमण्यम

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 नये बयान में तालिबान का जिक्र नहीं

27 अगस्त को काबुल हवाईअड्डे पर हुए बम विस्फोटों के एक दिन बाद तिरुमूर्ति ने फिर UNSC के अध्यक्ष के रूप में परिषद की ओर से एक बयान जारी किया. बता दें कि 16 अगस्त को लिखे गये पैराग्राफ को फिर से दोहराया गया. लेकिन इसमें एक बदलाव था कि तालिबान का नाम हटा दिया गया था. इसमें लिखा गया था कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को दोहराया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकी देने या हमला करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, और किसी भी अफगान समूह या व्यक्ति को किसी भी देश के क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों का समर्थन नहीं करना चाहिए.

 अकबरुद्दीन ने किया बदलाव का जिक्र

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इस बदलाव का सबसे पहले जिक्र करते हुए   UNSC के स्टेटमेंट की कॉपी शेयर की.  लिखा कि सिर्फ 15 दिनों में ‘T’ शब्द को हटा दिया गया है.

  हालात में बदलाव के संकेत 

अधिकारियों के अनुसार  बयान पर हस्ताक्षर करने का निर्णय जमीनी वास्तविकताओं को बदलने के मद्देनजर लिया गया है. वर्तमान में  तालिबान विदेशियों को वहां से निकालने में मदद कर रहा है. अमेरिका का कहना है कि उसने15 अगस्त से अब तक 1 लाख से अधिक लोगों को निकाला है. भारतीय दूतावास को 17 अगस्त को खाली कराया गया था. इसके बाद यूएनएससी द्वारा पहला बयान जारी किया गया. 27 अगस्त को UNSC की ओर जो बयान जारी किया गया, उसमें तालिबान को इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं माना गया है. [wpse_comments_template]  

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