बुलेट गाड़ी भी उठा ले गए, थाना प्रभारी ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
Dhanbad : सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का.. यह धनबाद थाना प्रभारी पर चरितार्थ हो रहा है. दरअसल सदर थाना प्रभारी संतोष गुप्ता पर एक पंजाबी परिवार ने मारपीट का आरोप लगाया है. बरटांड निवासी सिख परिवार बलजिंदर सिंह अपना मकान व संपत्ति बेचकर भागने को विवश दिख रहा है. बलजिंदर सिंह सिम्फर से रिटायर्ड अपनी माता सुखविंदर कौर व बेटी इन्दरदीप कौर के साथ जेडी मेडिकल कैम्प की बगल में अपने मकान में रहते हैं. परंतु विगत कुछ दिनों से धनबाद थानेदार की नजर उनके मकान पर पड़ ग्ई है. मकान बेचने के लिए पहले तो अनेक प्रकार का लालच दिया. जब परिवार तैयार नहीं हुआ तो कल 23 जुलाई की देर रात उनके घर में घुस कर बुजुर्ग महिला और बेटी के साथ बदसलूकी पर उतर आये. युवती के कपड़े भी फट गए.
पीड़ित परिवार ने लिखित शिकायत वरीय पुलिस पदाधिकारी से की है. पंजाबी परिवार ने कहा कि सरकार ने जिस पुलिस को जनता का रक्षक बनाया है, वही लाचार लोगों का भक्षक बन बैठा है. देर रात जबरन उनके घर में घुस कर थानेदार अपने सहयोगियों के साथ उनकी बुलेट बाइक भी उठा ले गये, जिसे उन्होने दो माह पूर्व ही खरीदा था. उनकी बदसलूकी से परिवार काफी आहत है. वह थाना प्रभारी के भय से अपनी संपत्ति बेचकर पंजाब जाने की तैयारी में है.
जब थाना प्रभारी संतोष गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन पर जो आरोप लगाया जा रहा है, वह बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि धनबाद न्यायालय के आसपास साइलेंट जोन घोषित किया गया है, जिसका इस्तेमाल करना एमवी एक्ट के तहत कानूनन अपराध है. कई दिनों से डबल साइलेंसर जॉन का बुलेट चला रहा था. पता चला कि बुलेट गाड़ी उनके बगलगीर की है. उन्होंने कहा कि कई बार समझाया-बुझाया, लेकिन नहीं माना. उसके बाद उसके घर से गाड़ी उठा कर ट्रैफिक पुलिस को एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए सौंप दिया. इसी को लेकर अनावश्यक और अनर्गल आरोप लगाया जा रहा है. थाना प्रभारी ने कहा कि बुलेट चालक टाफी तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते हैं. इस लिए वह पकड़े नहीं जाते हैं.