Ranchi : साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को इस संकल्प को पूरा करने की पहल शुरू हो गयी कि ‘जहां अंधेरा है वहां दीया जलाना है’.विकास से कोसों दूर जहां हमेशा जंगली हाथियों का प्रकोप होता है और जहां कभी उग्रवादियों का गढ़ हुआ करता था वहां पहाड़ों के बीच बसे रूंघु डेरा पहुंच कर हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारियों ने श्रमदान से हॉकी मैदान बनाने का बीड़ा उठाया है. साथ ही छोटे-छोटे बच्चों को हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित भी किया है. ताकि इस इलाके में हॉकी की प्रतिभा विकसित हो सके.
इसे भी पढ़ें-किरीबुरु : आजसू मंडल उपाध्यक्ष की स्कॉर्पियो में अज्ञात बदमाश ने लगाई आग
दान में जमीन देने पर सहमति
गांव के ही आसमान मांझी ने मैदान के लिए अपनी निजी जमीन हॉकी मैदान बनाने के लिए दान में दी है.नए वर्ष के मौके पर जहां लोग अपने परिवार, सगे संबंधियों के साथ पिकनिक मनाने में व्यस्त थे वहीं हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारी सिमडेगा जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर जिले के अंतिम सीमा पर केरसई प्रखंड अंतर्गत सुदूर जंगलों पहाड़ों से बसें गांव रूंघूडेरा पहुंचे. वहां विकास की किरण शून्य के बराबर है. न बिजली है, न सड़क है. लगभग छह किलोमीटर पथरीली रास्ते के सहारे वहां जाना पड़ता है. पेयजल के लिए भी डाड़ी पर ही निर्भर होना पड़ता है, साथ ही इस गांव में चारों ओर पहाड़ों से घिरे होने के कारण हाथियों का भी डर हमेशा बना रहता है.
इसे भी पढ़ें-मेदिनीनगर : चियांकी पहाड़ पार्क शहर वासियों के लिये बना नया पिकनिक स्पॉट, उमड़ रही भीड़
कभी उग्रवादियों के छिपने का गढ़ था यह इलाका
जब उग्रवाद चरम पर था तो यह इलाका पीएलएफआई, पहाड़ी चीता जैसे उग्रवादी संगठनों का सुरक्षित आश्रय हुआ करता था. क्योंकि यहां पहुंचना आसान नहीं है. साथ ही नेटवर्क भी नहीं है. गांव में एक विद्यालय है, लेकिन विद्यालय तक पहुंचना बहुत ही कठिन काम है. क्योंकि गांव और विद्यालय के बीच में पहाड़ी पगडंडी में गहरे नाले के साथ जंगली झाड़ियों से भरा रास्ता है. शिक्षक भी नहीं के बराबर आते हैं. 50 परिवार वाले इस गांव की जनसंख्या लगभग 250 है और सभी अनुसूचित जनजाति के हैं.
इसे भी पढ़ें-कोरोना अलर्ट : 15 चेकपोस्टों पर बाहर से आने वालों की जांच के बाद मिलेगी जिले में इंट्री
खुद से तैयार करेंगे मैदान
पिछले दिनों एक खेल के कार्यक्रम में इसी गांव के ही सामाजिक कार्यकर्ता आसमान मांझी ने हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी जी से अपने गांव में हॉकी को बढ़ावा देने और मैदान बनाने के लिए बात कही. तो हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष ने उनसे कहा कि सबसे पहले गांव में हॉकी का अभ्यास शुरू करना होगा और गांव के ही किसी खाली पड़ी जमीन पर हम लोग खुद से मैदान का निर्माण कर खेल का प्रारंभ करेंगे. तब धीरे-धीरे जब यहां की प्रतिभा बाहर आएगी तो खुद ही लोग यहां अच्छे खेल मैदान देंगे. जिस पर आसमान मांझी ने अपनी निजी जमीन मैदान के लिए देने की बात कही. जमीन दाता मिलते ही आज हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी, कोषाध्यक्ष श्री कमलेश मांझी एवं राष्ट्रीय हॉकी एंपायर मनोज प्रधान तथा पड़ोस गांव के नरेंद्र मांझी नए वर्ष के दिन गांव पहुंचे और आपस के बुजुर्गों, युवाओं से बात कर आसमान मांझी द्वारा दिए गए जमीन को श्रमदान कर मैदान बनाने की शुरुआत की.
इसे भी पढ़ें-नये साल की खुमारी: 21 लोग सड़क हादसे में हुए घायल, रिम्स में इलाज
सबसे पहले होगी हॉकी प्रतियोगिता आयोजित
उन्होंने कहा कि जब यह मैदान पूरा हो जाएगा तो जनवरी के अंतिम सप्ताह में हॉकी सिमडेगा के द्वारा आसपास जो भी चार किलो मीटर रेडियस में जंगल में बसे गांव हैं वहां के छोटे-छोटे बच्चों के बीच हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा और जो बेहतर खिलाड़ियों को पुरस्कार के साथ आगे बढ़ाने के काम करेंगे. नए वर्ष का पिकनिक भी उसी दिन होगा. जिस पर युवाओं में काफी जोश आया और उन्होंने आज से ही खुद से मैदान बनाने की ठानी और काम शुरू कर दिया.