Pancham Prasad
Simdega : आंखे आना जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं. सिमडेगा जिला के कई स्कूल के बच्चे इसके चपेट में हैं. स्कूल ने इसे स्कूल ने सूचना भी जारी कर दी है. वही बच्चे के अभिभावक भी बच्चे को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. उनके बच्चों को भी इस इंफेक्शन का डर सता रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक स्कूल के 300 से भी ज्यादा बच्चे इसके प्रभाव में आ चुके हैं. वहीं कई स्कूल में और ट्यूशन क्लासेस में इसका प्रभाव देखा जा रहा है. इसे लेकर कोलेबिरा के डॉक्टर के के शर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने बताया आंखे बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं. इनके साथ थोड़ी सी भी परेशानी हो तो तुरंत लक्षण दिखाई देने लगते हैं. आंखे आना जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं. यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती है. दो सप्ताह में यह अपने आप ही ठीक हो जाती है. लेकिन कई लोगों में कंजक्टिवाइटिस के कारण गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, जिसके तुरंत उपचार की जरूरत होती है. वैसे तो यह समस्या किसी को कभी भी हो सकती है, लेकिन गर्म और नम वातावरण में इसके होने का खतरा अधिक होता है.
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जानिए क्या होता है कंजक्टिवाइटिस ?
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है. इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं. जब कंजक्टिवा की छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं, तब ये अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती हैं और आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है. इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है.कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है.
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस
कुछ बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण भी कंजक्टिवाइटिस हो जाता है. वायरस और बैक्टीरिया दोनों से ही होने वाला कंजक्टिवाइटिस संक्रामक होता है. संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिस्चार्ज के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने के द्वारा यह फैल सकता है.संक्रमण एक या दोनों आंखों में हो सकता है.
एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस
एलर्जी करने वाले पदार्थों जैसे परागकण आदि के संपर्क में आने पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस हो सकता है.
संक्रमण फैलने से कैसे रोकें
कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें :
: अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं
: जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं
: अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें
: अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज़ धोएं
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किस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें
आंखों में तेज दर्द होना.
आंखों में तेज चुभन महसूस होना.
नज़र धुंधली हो जाना.
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता.
आंखें अत्यधिक लाल हो जाना.
उपचार
कंजक्टिवाइटिस कई कारणों से होता है, उपचार इसके कारणों पर ही निर्भर करता है. इसलिए इसके उपचार में एंटी हिस्टामिन आई ड्रॉप्स के साथ एंटी इन्फ्लैमेटरी आई ड्रॉप्स भी दी जाती हैं.
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जिलास्तरीय प्री सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरूआत
Simdega : जिला स्तरीय प्री- सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरूआत हुई. प्रतियोगिता का अयोजन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार, और झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता में प्रखंड स्तरीय प्री- सुब्रतो कप फुटबॉल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम भाग ले रही है. प्रतियोगिता 25 एवं 26 जुलाई को होगा.
1. जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ठ विद्यालय सिमडेगा- अंडर-14 बालक
2. जिला शिक्षा क्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सिमडेगा- अंडर-17 बालिका
3. अपोस्तोलिक ग्राउण्ड, संत मेरीज उच्च विद्यालय सामटोली में- अंडर-17 बालक के मैच कराये जायेंगे.
उद्घाटन के मौके पर उप विकास आयुक्त नेखिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया.
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