उपद्रवियों के पथराव के बावजूद संयम से लिया काम, कराया शांत
Singrauli : गुरुवार को सरई तहसील अंतर्गत सुलियरी खदान में सैंकड़ों उपद्रवी जबरन घुस आये और उपद्रव मचाने लगे. सूचना मिलते ही सिंगरौली पुलिस मौके पर पहुंची और समय रहते उपद्रवियों के मंसूबे को नाकाम कर दिया. पुलिस की तत्परता की खूब चर्चा हो रही है.
हालांकि इस दौरान, प्रदर्शनकारियों के उपद्रव में सब इंस्पेक्टर प्रियंका मिश्रा की आंख और चेहरे पर चोट आई है. वहीं भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान पथराव में कई अन्य पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया बल के सदस्यों को भी मामूली चोटें आईं है. अब इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
कर्यकर्ता मेघा पाटकर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे. इसी दौरान भीड़ ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया. सुलियरी कोयला खदान में पुलिस कर्मियों और त्वरित प्रतिक्रिया बल (Quick Response Force) पर पत्थर और कीचड़ फेंकना शुरू कर दिया.
आरोप है कि झलरी और मझौली पाठ के सरपंचों और कुछ ग्रामीणों की मिलीभगत से मेघा पाटकर की आड़ में इस क्षेत्र में दंगा भड़काकर कर तनाव पैदा करना चाहते थे. मगर पुलिस ने संयम से काम लिया और उपद्रवियों की मंशा को नाकाम कर दिया. पुलिस ने आक्रमकता नहीं दिखाकर संयम से काम लिया नहीं तो बड़ी घटना घट सकती थी.
जानकारी के अनुसार मेघा पाटकर कुछ राजनीतिक नेताओं के साथ सुलियरी ब्लॉक का विरोध करने के लिए गुरुवार सुबह एक दिवसीय दौरे पर सरई पहुंची थी. दिलचस्प बात यह है कि पुलिस ने कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए खनन परियोजना के समर्थकों को उनके ही गांव में प्रवेश करने से रोककर उन्हें पाटकर की सभा में जाकर शांतिपूर्ण अपना पक्ष रखने से रोका था. पाटकर के समर्थकों ने उसी पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया बल के जवानों पर शाम होते ही धाबा बोल दिया.
बता दें कि भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने मध्य प्रदेश की सुलियारी कोयला खदान को राज्य सरकार के आंध्र प्रदेश खनिज विकास निगम (एपीएमडीसी) को आवंटित किया है. पिछले कुछ हफ्तों में, कथित आंदोलनकारियों ने अपने निहित स्वार्थ के लिए सुलियारी खदान के काम में बाधाएं पैदा करना शुरू कर दिया. सुलियारी खदान पिछले दो वर्षों से कोयला उत्पादन कर रही है. जिसके कारण सिंगरौली जिले में लगभग 5,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिले हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश की सरकार मध्य प्रदेश को हर महीना करोड़ों रुपये का राजस्व भी दे रही है. पाटकर और उसके समर्थक जबरदस्ती उस खदान स्थल में घुसना चाहते थे. जहां भारी मशीनरी काम कर रही थी. मगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. हमला होने के बाद भी पुलिस ने शांति से काम लिया और उपद्रवियों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
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