Lagatar Desk : देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आज से विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया शुरू हो रही है, जो 7 फरवरी तक चलेगी. अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी. इसका उद्देश्य मतदाता सूची को और अधिक सटीक बनाना, उसमें मौजूद त्रुटियों को सुधारना और छूटे हुए नामों को शामिल करना है.
किन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में होगा पुनरीक्षण
एसआईआर प्रक्रिया गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के अलावा केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप में शुरू हो रही है.
बीएलओ घर-घर जाकर करेंगे सत्यापन
बता दें कि विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू करने से पहले 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) और अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया, ताकि वे घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी का सही सत्यापन कर सकें. इस कार्य में 5 लाख से अधिक BLOs और साढ़े 7 लाख से ज्यादा राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शामिल होंगे.
अपना नाम कैसे जांचें
अगर आप बिहार या किसी अन्य राज्य के मतदाता हैं, तो यह जांचने के लिए कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं, आप घर बैठे ही ऑनलाइन देख सकते हैं.
- - https://www.eci.gov.in या https://voters.eci.gov.in पर जाएं.
 - - अपना नाम या EPIC नंबर डालें.
 - - जिला और विधानसभा क्षेत्र चुनने के बाद आप लिस्ट में अपना नाम देख सकते हैं.
 - - यदि इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो आप अपने BLO से संपर्क कर सकते हैं या स्थानीय निर्वाचन कार्यालय जाकर ड्राफ्ट लिस्ट देख सकते हैं.
 
अगर आपका नाम सूची से हट गया है तो ये काम करें
यदि SIR के दौरान आपका नाम गलती से वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप अपना नाम जोड़वाने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं.
ऑनलाइन आवेदन
- NVSP पोर्टल https://www.nvsp.in या Voter Helpline App पर जाएं.
- Form 6 भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
- सबमिट करने के बाद आवेदन संख्या प्राप्त होगी, जिससे आप स्थिति ट्रैक कर सकते हैं.
ऑफलाइन आवेदन
- अपने BLO से Form 6 प्राप्त करें, भरें और जमा करें.
- दस्तावेजों की जांच के बाद आपका नाम पुनः जोड़ा जाएगा.
एसआईआर में आधार को मान्यता
बिहार में एसआईआर प्रक्रिया चलने के दौरान आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में शामिल न किए जाने पर विवाद हुआ था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट के आदेश के बाद अब आधार कार्ड को भी मान्य पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया गया है.
इस बार आयोग ने शुरू से ही आधार को मान्यता दी है, ताकि नागरिकों को किसी तरह की असुविधा न हो. इसके अलावा, इस बार प्रक्रिया के लिए तीन महीने से अधिक समय दिया गया है, ताकि सत्यापन और डेटा सुधार का काम अधिक सटीकता से हो सके.
दस्तावेजों की शर्तें आसान
बिहार में 2003 के बाद शामिल सभी मतदाताओं से दस्तावेज मांगे गए थे, जिससे परेशानी हुई थी. अब नियमों में ढील दी गई है. अगर परिवार के किसी सदस्य का नाम पहले से सूची में है, तो नए आवेदक को अतिरिक्त दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी.
राज्य बदलने वालों के लिए राहत
जो मतदाता किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो चुके हैं, उन्हें अपने पुराने राज्य या परिवार से प्रमाण-पत्र देने की जरूरत नहीं होगी. इससे प्रवासी मजदूरों और नौकरी-पेशा लोगों को काफी सुविधा मिलेगी.
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