Ranchi: बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने सोरेन परिवार पर फिर हमला किया है. उन्होंने कहा कि कायदे से सीता सोरेन आदिवासी सीट से विधायक नहीं हो सकती हैं. क्योंकि दूसरे राज्य का आदिवासी शादी के बाद भी राज्य का आदिवासी नहीं हो सकता. इसलिए लगता है कि जामा विधानसभा क्षेत्र में हो रही बालू की तस्करी के मामले में उनका मुंह बंद कर दिया गया है. गौरतलब है कि मयूराक्षी नदी से इन दिनों बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है. पहले बालू के अवैध खनन और तस्करी के खिलाफ सीता सोरेन मुखर होकर आवाज उठाती थीं, लेकिन इन दिनों वो बालू के अवैध खनन और तस्करी पर कुछ नहीं बोल रही हैं.
कायदे से एसटी सीट से विधायक नहीं हो सकतीं सीता सोरेन- निशिकांत
निशिकांत दुबे ट्वीट कर कहा है कि सीता सोरेन कायदे से आदिवासी सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं. बता दें कि सीता सोरेन जामा विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बनी हैं. जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन की बहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन एसटी रिजर्व सीट जामा से तीन बार जीतकर विधायक बनी हैं. इससे पहले उनके पति दुर्गा सोरेन इस सीट से विधायक थे. सीता सोरेन का मायका ओडिशा के मयूरभंज में है.
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जामा से तीन बार चुनाव जीतकर विधायक बनी हैं सीता सोरेन
सीता सोरेन जामा विधानसभा क्षेत्र से चुन कर झारखंड विधानसभा में पहुंची हैं. वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर लगातार तीसरी बार निर्वाचित हुई हैं. सीता झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति में पकड़ रखती हैं, हालांकि चर्चा मंउ नहीं रहती हैं. वहीं निशिकांत दुबे के इस बयान पर अबतक सीता सोरेन और जेएमएम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.