समीक्षा बैठक: बाबूलाल मरांडी समेत कई सीनियर नेताओं को हार के लिए जिम्मेवार बताया
Kaushal Anand
Ranchi : दुमका से लोकसभा चुनाव हारने के बाद सीता सोरेन ने जो आरोप ”बम” फोड़ा है, उससे भाजपा में हड़कंप मचा गया है. सीता ने अपनी हार के लिए न केवल पार्टी के सीनियर नेताओं को जिम्मेवार ठहराया है, बल्कि उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं, उन्होंने प्रदेश नेतृत्व यानी बाबूलाल मरांडी को भी सीधे-सीधे हार के लिए जिम्मेवार ठहराया है. सीता के आरोप के बाद पार्टी-संगठन सकते में है. झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन से 22,527 वोटों से पराजित होने के बाद सीता सोरेन ने कहा है कि वह भाजपा के भितर घात की वजह से चुनाव हारी हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले हुए सर्वे में यह बात आयी थी कि दुमका सीट से भाजपा भारी मतों से जीतेगी. उनकी हार के बाद अब सबके मन में यही सवाल है कि आखिर गड़बड़ कहां हुई. सीता ने कहा कि पंचायत और प्रखंड स्तर के कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की और बढ़िया काम भी किया. लेकिन प्रदेश नेतृत्व का साथ नहीं मिला. सीता के आरोपों पर फिलहाल भाजपा नेतृत्व ने चुप्पी साध रखी है.
विस स्तरीय प्रभारी मैनेज हुए, पार्टी से वफादारी नहीं निभायी
सीता सोरेन ने आरोप लगाया कि गड़बड़ी विधानसभा स्तर पर नियुक्त प्रभारियों के कारण हुई. चुनाव के लिए बाहर से आये प्रभारियों से भी चूक हुई. ये लोग विपक्षियों के झांसे में फंस कर मैनेज हो गये और पार्टी के प्रति वफादारी नहीं निभा सके. सीता का इशारा पूर्व मंत्री लुईस मरांडी, विधायक रणधीर सिंह और पूर्व सांसद सुनील सोरेन की तरफ है. उन्होंने प्रदेश नेतृत्व (बाबूलाल) पर भी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में नाकाम होने का आरोप लगाया. कहा कि चुनाव के दौरान विधानसभा के प्रभारी उनके साथ खड़े जरूर थे, लेकिन जीत में जितनी मदद करनी चाहिए थी, उन्होंने नहीं की.
प्रदेश नेतृत्व कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में नाकाम
सीता सोरेन ने यह भी आरोप लगाया है कि कि प्रदेश नेतृत्व दुमका के कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने में नाकाम रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने सारी रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है. आने वाले दिनों में भितरघात करने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होगी.
सीता के बयान से भाजपा के वरिष्ठ नेता सकते में
सीता सोरेन ने अपनी हार का ठीकरा सीधे-सीधे भाजपा नेताओं पर फोड़ दिया है. उन्होंने प्रदेश नेतृत्व पर भी उंगली उठाते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. मरांडी और प्रदेश के दूसरे बड़े नेता इससे असहज हो गये हैं. सीता ने भाजपा में अपनी राजनीतिक पारी शुरू करते ही संगठन पर सवाल उठाये हैं. इससे उन्हें नुकसान होने की भी उम्मीद है. भाजपा के काम करने का तरीका अलग है. यहां संगठन की अंदरूनी बातें सतह पर नहीं आने दी जाती है.
समीक्षा बैठक में अंदरूनी कलह सतह पर आयी
भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू और बालमुकुंद सहाय सीता सोरेन की हार की समीक्षा करने संथाल पहुंचे. दुमका में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान काफी हंगामा भी हुआ. भाजपा की गुटबाजी और अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गयी. कार्यकर्ता वर्तमान जिलाध्यक्ष गौरवकांत और पूर्व जिलाध्यक्ष निवास मंडल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग करते रहे.
आदित्य साहू ने भी माना, संगठन की कमियों से सीता हारीं
समीक्षा बैठक के बाद राज्यसभा सांसद सह भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने भी स्वीकार किया दुमका में सीता सोरेन भाजपा की कुछ कमियों की वजह से चुनाव हारी हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव समीक्षा के दौरान जो बातें सामने आयी हैं, उससे नेतृत्व को अवगत करा दिया जाएगा. समीक्षा बैठक की विस्तृत रिपोर्ट भी नेतृत्व को सौंप दी जाएगी.
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