Jamshedpur : साकची जेल चौक पर स्थित दुकानों को हटाने के मामले में अंचल कार्यालय की ओर से सभी छह दुकानदारों पर बीपीएलई केस दर्ज किया गया है. मंगलवार को इस मामले में जमशेदपुर अंचलाधिकारी की कोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन सुनवाई के दौरान कोई भी पक्षकार नहीं पहुंचा, जिसके कारण सुनवाई को अगली तिथि तक टाल दिया गया है.
नोटिस का जवाब नहीं मिलने के बाद दर्ज किया गया केस
जमशेदपुर अंचलाधिकारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि जेल चौक की अतिक्रमित छह दुकानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. जवाब नहीं आने के बाद सभी दुकानदारों पर बीपीएलई केस दर्ज किया गया है. आज इस मामले में दुकानदारों से अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था लेकिन किसी की ओर से अभी तक लिखित एवं मौखिक पक्ष नहीं दर्ज कराया गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द ही सुनवाई पूरी कर अ तिक्रमित दुकानों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी. जिन दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है उनमें अरुण कुमार सिंह, रंजीत सिंह, विनोद प्रसाद सहित 6 दुकानें शामिल हैं.
दूसरी जगह दुकान लगाने की इजाजत दी जाए: दुकानदार
दूसरी ओर दुकानदार अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अंचल कार्यालय की ओर से बीपीएल केस का नोटिस मिला है. आज वे अंचल कार्यालय गए थे, लेकिन अंचलाधिकारी के उपस्थित नहीं रहने के कारण वे अपना पक्ष दर्ज नहीं करा सके. उन्होंने कहा कि कई वर्षों से वे जेल चौक पर झोपड़ीनुमा दुकान बनाकर दुकानदारी कर रहे हैं जिससे उनका परिवार चलता है. उन्होंने कहा कि दुकान हटाने के बाद उनके परिवार पर भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो जाएगा. उन्होंने मांग की कि हटाने से पहले प्रशासन की ओर से कहीं अन्य दुकान लगाने की अनुमति दी जाए. जिससे उनकी रोजी-रोटी चल सके. अरुण सिंह इकलौते दुकानदार हैं जो बीपीएलई केस की कुरवाई के लिए अंचलाधिकारी के कार्यालय में गए थे लेकिन अंचलाधिकारी उपस्थित नहीं रहने के कारण बैरंग लौट गए. ज्ञातव्य हो कि इस मामले में जेल चौक के दुकानदारों ने सांसद विद्युत वरण महतो से दुकानें नहीं तोड़ने की गुहार लगाई थी. सांसद ने दुकानदारों को आश्वासन दिया था की उनकी दुकान है नहीं हटने दी जाएगी. लेकिन अंचल कार्यालय की ओर से नोटिस मिलने एवं बीपीएलई केस दर्ज होने के बाद दुकानदारों में भय व्याप्त है.
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