- सीएम हेमंत सोरेन का ड्रीम प्रोजेक्ट सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना
- आठ महीने में 7.29 लाख किशोरियों को मिला लाभ
- 405.7 करोड़ से अधिक की राशि का हुआ भुगतान
- चालू वित्तीय वर्ष में नौ लाख बेटियों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य
सबसे अधिक गिरिडीह की बेटियां
इस योजना से सर्वाधिक गिरिडीह की 59024 किशोरियां जुड़ी हैं. इसके बाद रांची की 50954, पलामू की 50814, बोकारो की 41650, पूर्वी सिंहभूम की 41468, हजारीबाग की 40130 और धनबाद की 36870 किशोरियां योजना का लाभ उठाने में आगे रहीं.जिला स्तर पर चल रहा अभियान
राज्य की नौ लाख बेटियों को योजना से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है, ताकि सभी किशोरियों को योजना का लाभ मिल सके. इसके लिए किशोरियों को जरूरी प्रमाण पत्र निर्गत कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि योजना के दायरे में आने वाली सभी पात्र बेटियों को योजना से जोड़ा जाए.पढ़ाई छूटे नहीं, जागरूकता का हो संचार
सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के जरिए राज्य सरकार बालिका शिक्षा पर जोर दे रही है, ताकि आर्थिक तंगी की वजह से उनकी पढ़ाई ना छूटे. बेटियां शिक्षित होंगी, तो बाल विवाह प्रथा पर विराम लगेगा. बेटियां अपने जीवन के संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम भी होंगी.इन किशोरियों को मिल रहा लाभ
राज्य सरकार योजना के तहत किशोरियों को शिक्षा से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास का कर रही है. योजना के तहत आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली किशोरियों को 2500-2500 रुपये दे रही है. इसके अतिरिक्त 10वीं, 11वीं और 12वीं की किशोरियों को 5000-5000 रुपए की राशि मिल रही है. 18 से 19 वर्ष की बेटियों को एकमुश्त 20000 रुपए देने का प्रावधान है. इस तरह किशोरियों को पढ़ाई के क्रम में कुल 40,000 रुपए मिलेंगे. इसे भी पढ़ें – रांची:">https://lagatar.in/ranchi-three-criminals-arrested-for-firing-for-extortion/">रांची:रंगदारी के लिए फायरिंग करने वाले तीन अपराधी गिरफ्तार [wpse_comments_template]
Leave a Comment