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छह को नेत्रदान,रथ यात्रा सात जुलाई को
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा छह जुलाई को जगन्नाथ स्वामी का एकांतवास समाप्त होगा. मंदिर के गर्भगृह से बाहर आने के बाद भगवान का नेत्रदान किया जायेगा. साथ ही भगवान सर्वदर्शन शुलभ हो जायेंगे. कौस्तुभ ने बताया कि नेत्रदान अनुष्ठान शाम साढ़े चार बजे से शुरू होगा. सात जुलाई को रथ यात्रा निकाली जायेगी.तैयार किया जा रहा रथ
रथ यात्रा को लेकर रथ मरम्मत का कार्य तेजी से किया जा रहा है.स्थानीय और पुरी से आये कारीगर अक्षय तृतीया के दिन 10 मई से इसमें लगे हैं. 40 फीट ऊंचा और 22 फीट चौड़े रथ का रंग-रोगन 22 जून से किया जायेगा. पांच को तैयारी पूरी हो जायेगी. छह को रथ सजेगा. सात जुलाई को भगवान भाई और बहन के साथ रथारूढ़ हो मौसी घर जायेंगे.बीमार होंगे भगवान, चलेगा उपचार
मान्यतानुसार भगवान स्नान करने से बीमार पड़ जाते हैं. ऐसे में उनका उपचार किया जाता है. पुजारी के द्वारा खास काढ़ा बनाकर पिलाया जाता है. इसमें सोठ, पिंपली, दाल चीनी, गुल मिर्च से बनाया हुआ काढ़ा भगवान श्री जगन्नाथ को पिलाया जाता है.नौ दिनों तक गुलजार रहेगा मेला
रथ यात्रा मेला नौ दिनों तक गुलजार रहेगा. भक्त भक्ति आनंद के साथ मेले का भी लुफ्त उठायेंगे. तरह-तरह के झूले, नाटक-नवटंकी वालों के साथ खाने-पीने का स्टॉल सब को लुभायेगा. पारंपरिक साजो समानों की जमकर बिक्री होगी. पशु-पक्षी और ढोल-नगाड़ा से लेकर खेती-गृहस्थी तक का साजो-सामान भी मिलेगा. इस तरह का बाजार सिर्फ रथ यात्रा मेले के दौरान ही लगाया जाता है. यही कारण है कि नौ दिनों तक मेला में भारी भीड़ रहती है. इसे भी पढ़ें -Money">https://lagatar.in/money-laundering-case-chief-minister-kejriwals-judicial-custody-extended-till-july-3/">MoneyLaundering Case : दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की न्यायिक हिरासत तीन जुलाई तक बढ़ी [wpse_comments_template]
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