बुढ़वा महादेव प्रांगण में सजा हथियारों का बाजार
मंगला और दशमी के जुलूस में रामभक्तों की है शान और पहचान
कला-कौशल का करते हैं भरपूर प्रदर्शन और करते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम का महिमा गान
Gaurav Prakash
Hazaribagh : हजारीबाग में इन दिनों परंपरागत हथियारों का बाजार सज गया है. कोई भुजाली, कोई गुप्ती, तो कोई तलवार की खरीदारी कर रहे हैं. दरअसल रामनवमी के दिन परंपरागत अस्त्र-शस्त्रों के पूजन का विधान है. साथ ही हजारीबाग में मंगला, रामनवमी, दशमी और एकादशी के जुलूस में रामभक्तों की यह शान और पहचान भी होती है. इन परंपरागत हथियारों को लहराते हुए जहां जुलूस में शामिल लोग कला-कौशल का भरपूर प्रदर्शन करते हैं, वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम का महिमा गान भी करते हैं. खासकर रामभक्तों के लिए ही बजरंग दल ने खरीद मूल्य पर बुढ़वा महादेव प्रांगण में परंपरागत हथियारों का बाजार लगाया है .यहां बड़ी संख्या में राम भक्त पहुंच रहे हैं और हथियारों की खरीदारी भी कर रहे हैं. हथियारों के इस बाजार में रामपुरी चाकू और बेस बैट की भी खूब मांग है.
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धनबाद से मंगाए गए हथियार, दो दिनों में 200 से अधिक अस्त्र-शस्त्र खरीद लिए खरीदार
बजरंग दल के कार्यकर्ता धनबाद से हथियार खरीद कर यहां दुकान लगाए हैं. उनके पास एक हजार से अधिक लाठियां हैं, तो वहीं परंपरागत हथियार भी उपलब्ध हैं. बजरंग दल के आकाश मेहता बताते हैं कि दो दिनों में लगभग 200 से अधिक हथियार बिक चुके हैं. सबसे अधिक मांग लाठियां की हैं. वे लोग महज 35 से 50 रुपए के बीच लाठियां उपलब्ध करा रहे हैं. नौजवान युवक भुजाली और तलवार लेने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. वहीं जय श्री राम लिखे तलवार की सबसे अधिक बिक्री हो रही है. चूंकि हजारीबाग की विश्वविख्यात रामनवमी के कारण हथियारों की मांग भी अच्छी खासी है.
हथियारों में नहीं होते धार, सिर्फ प्रदर्शन ही आधार
आकाश मेहता कहते हैं कि आप कोई भी हथियार देख लें, तो किसी में भी धार नहीं है. यह हथियार सिर्फ और सिर्फ प्रदर्शन और कला दिखाने के काम में उपयोग में लाया जाता है. आकाश का यह भी कहना है कि प्रशासन ने जब परंपरागत हथियार के साथ जुलूस निकालने की इजाजत दी, उसके बाद ही उन लोगों ने हथियारों की दुकान लगाई है.
हथियार के साथ सड़कों पर निकलना जुलूस की खासियत
उमेश गुप्ता भी बताते हैं कि हजारीबाग की रामनवमी की यही खासियत है कि समाज का हर एक तबका भगवान राम के नाम पर दीवाना हो जाता है. न कोई छोटा, न कोई बड़ा, सब राम के भक्त हो जाते हैं. हथियार के साथ सड़कों पर निकलना ही जुलूस की खासियत है. पिछले 98 सालों से राम भक्त हथियार के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. रामनवमी के दौरान हथियारों की मांग बढ़ जाती है. ऐसे में व्यापारी मनचाहा दाम लेते हैं. इसे देखते हुए उन लोगों ने यह स्टॉल लगाया है. धनबाद से उन लोगों ने हथियार लाया है और उपलब्ध करा रहे हैं. लगभग खरीद दाम पर सारे हथियार मिल रहे हैं. करीब 300 रुपए के आसपास अच्छे हथियार मिल जा रहे हैं.
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बहनें भी खरीद रहीं लाठियां और तलवार
रूपेश राणा कहते हैं कि हम लगभग 15 कार्यकर्ताओं ने मिलकर स्टॉल लगाया है. बजरंग दल समाज सेवा और हिंदुत्व के लिए जाना जाता है. हिंदू भाई-बहनों के लिए उन लोगों ने बेहद खूबसूरत हथियार लाया है. एक बार हथियार कोई हाथों में उठा ले, तो बिना खरीदे वापस नहीं जा रहा है. उन लोगों ने सोचा भी नहीं था कि इस बार हमारी बहनें भी तलवार और लाठियां खरीदेंगी. बड़ी संख्या में बहनें भी आकर तलवार ले रही हैं. ऐसे में इस बार रामनवमी की सुंदरता और भी अधिक बढ़ने वाली है.
… तो चप्पा चप्पा श्री राम के नारे से गूंज उठेगा
हथियार खरीदार राजेश यादव कहते हैं कि हथियारों का बाजार देख कर मजा आ गया. अपने पसंद के अनुसार हम लोग हथियार खरीद रहे हैं. अब हजारीबाग अयोध्या नगरी में बदल जाएगी. चप्पा चप्पा श्री राम के नारे से गूंज उठेगा. वे लोग हथियार लेकर रामनवमी, दशमी और एकादशी को सड़कों पर उतरेंगे और उसके पहले हथियारों की पूजा होगी.
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