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सरकार, डीसी, मंत्री के कुछ ऐसे आदेश जिसके खिलाफ याचिका दायर करने वालों को हाईकोर्ट से मिली राहत

Vinit Upadhyay

Ranchi: पिछले कुछ महीनों में झारखंड हाईकोर्ट ने जमीन से जुड़े और खनन विभाग से संबंधित मामलों में राज्य सरकार के मंत्री, डीसी और खनन विभाग के आदेश पर असहमति जताई है. इस खबर के जरिये हम आपको कुछ ऐसे मामलों को बता रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में वो कौन-कौन से चर्चित मामले थे, जिनमें राज्य की शीर्ष अदालत ने सरकार के खिलाफ याचिका दायर करने वालों को राहत दी है.

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1- शाह ब्रदर्स के खनन पट्टा का लीज रद्द करने का आदेश:  राज्य सरकार ने चर्चित खनन कंपनी शाह ब्रदर्स के खनन पट्टा का लीज रद्द करने का आदेश पारित किया था. चाईबासा के करमपदा आयरन ओर माइंस लीज रद्द करने के मामले पर हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया. इसमें कहा कि सरकार को कारण बताते हुए 12 सप्ताह के भीतर नया आदेश पारित करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने  मौखिक टिपण्णी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार के आदेश में लीज रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है. इसके साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले के मेरिट पर कोई सुनवाई नहीं कर रही है.

2- निशिकांत दुबे की पत्नी की नाम पर रजिस्टर जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने का आदेश : देवघर डीसी द्वारा गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम व ऑनलाइन इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदी गयी ज़मीन की रजिस्ट्री रद्द करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ अनामिका गौतम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अदालत से गुहार लगाई इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अनामिका गौतम को बड़ी राहत देते डीसी द्वारा निबंधन रद्द करने के लिए चलाई जा रही प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश देते हुए सरकार से जवाब भी मांगा था.

3- मंत्री द्वारा ज़मीन के हस्तांतरण को कोर्ट द्वारा गलत बताने का आदेश: मंत्री चम्पई सोरेन ने रांची के बरियातू इलाके में लगभग तीन एकड़ भूमि के हस्तांतरण को गलत बताते हुए ज़मीन खरीदार पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ हस्तांतरण को भी रद्द करने का आदेश पारित किया था. हाईकोर्ट ने इस आदेश पर स्टे लगाते हुए याचिकाकर्ता से एफिडेविट के माध्यम से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में अंतरिम आदेश पारित किया है.

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