Ranchi: कोरोना संक्रमण के डर से अब अपने सगे लोग भी मुंह मोड़ने लगे हैं. यहां तक कि बेटा भी मां को संक्रमित होने पर अस्पताल में छोड़कर चला जा रहा है. गुरुवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया जब गत 29 अप्रैल को एक कलयुगी बेटे ने कोरोना संक्रमण होने पर सदर अस्पताल में अपनी वृद्ध माता को छोड़कर भाग गया. बेसहारा वृद्धा की हालत देख अस्पताल के कर्मियों और चिकित्सक ने पर्सनल केयर लेकर उनका इलाज किया. लेकिन ठीक होने के बाद जब इन्हें लेने कोई नहीं आया तो चिकित्सकों ने इन्हें नगड़ी के आदर्श केयर होम में भेज दिया.
इस वृद्धा की दो मई को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी. लेकिन सदर अस्पताल में चिकित्सकों की देखभाल और इलाज के बाद तीन दिन पहले ही जांच में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. इसके बाद डॉ अजीत ने परिजनों की गैरमौजूदगी में उसे नगड़ी के आदर्श केयर होम में भेज दिया.
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आदर्श होम में भेजने के बाद भी वृद्धा की हालत की खोज खबर सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अजीत लेते रहे. साथ ही वह इनके परिजनों की खोज करते रहे. वृद्धा केवल तेलगू भाषा में ही बात करती हैं. वह रांची स्टेशन और रेलवे का नाम ही बता पा रही थी. डॉ अजीत ने सोशल मीडिया पर इस वृद्धा के बारे में तस्वीर के साथ जानकारी पोस्ट की. तब कहीं जाकर पता चला कि यह महिला रांची स्टेशन के बगल में ही स्थित रेल कॉलोनी में रहती हैं.
इसका बेटा गोबिंद राव, गैंगमैन के तौर पर रेलवे में कार्यरत है. वृद्धा के तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं. इस वृद्ध माताजी का एक बेटा और दामाद दोनों रेलवे में हैं. एक प्वाइंट्स मैन है और एक ट्रैक मैन है. पिता की मृत्यु के बाद लड़के को नौकरी मिली है. रेलवे कर्मियों के अनुसार उसका बेटा नालायक है. उसे मिलनेवाली पेंशन छीन लेता है. कभी-कभी तो खाना-पीना भी नहीं देता. कोरोना होने पर वह इन्हें अस्पताल में छोड़कर भाग गया था.
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