सात हजार यौनकर्मी रहती हैं सोनागाछी में
सोनागाछी में करीब 7,000 यौनकर्मी रहती हैं. मार्च से ही काम बंद होने के कारण उनके पास आमदनी का कोई साधन नहीं है। सोनागाछी में जुलाई से करीब 65 प्रतिशत कारोबार पुन: शुरू हो गया है. इस सर्वेक्षण के लिए करीब 98 प्रतिशत यौनकर्मियों से संपर्क किया गया था.
राज्य सरकार को मदद के लिए आगे आने की जरूरत : साहा
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष तपन साहा ने कहा, कर्ज के बोझ तले दब चुकीं इन यौनकर्मियों के पास इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. भले ही लॉकडाउन समाप्त हो गया है, लेकिन वे संक्रमण के खतरे के कारण काम नहीं कर सकतीं. ऐसे समय में, राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और कोई वैकल्पिक योजना तैयार करने में उनकी मदद करनी चाहिए. यौनकर्मियों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठन दरबार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही यौनकर्मी आर्थिक संकट से जूझ रही हैं. उन्होंने कहा, केवल 65 प्रतिशत कारोबार ही शुरू हुआ है और पहले की तरह कारोबार नहीं होने की वजह से आर्थिक संकट बढ़ गया है. यौनकर्मी एक सहकारी बैंक चलाती हैं, लेकिन सभी इसकी सदस्य नहीं हैं. यौनकर्मी वेश्यालयों के मालिकों और दलालों से ही उधार लेने को प्राथमिकता देती हैं, क्योंकि इसके लिए किसी कागज की जरूरत नहीं होती.
यौनकर्मियों की राज्य सरकार ने की है मदद : मंत्री
जब इस मामले में राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी सर्वेक्षण की जानकारी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान यौनकर्मियों को हर संभव मदद मुहैया कराई है. मंत्री ने कहा, मुझे ऐसे किसी सर्वेक्षण की जानकारी नहीं है. यदि यौनकर्मी हमें इस संबंध में पत्र लिखती हैं तो हम इस मामले को देखेंगे. राज्य सरकार ने मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही उन्हें नि:शुल्क राशन मुहैया कराने समेत हर प्रकार की मदद दी है.