New Delhi : 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार हुई है. खुद को ईश्वरीय शक्ति घोषित करने वाले पीएम मोदी के लिए चुनाव परिणाम उनकी घृणा की राजनीति का अस्वीकरण था. पीएम मोदी सहमति की बात करते हैं, लेकिन टकराव का रास्ता अख्तियार करते हैं. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने द हिंदू में लिखे अपने आर्टिकल में यह बात कही है. अपने लेख में सोनिया ने मोदी सरकार पर जमकर हल्ला बोला है. नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/#google_vignette">नेशनल
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पीएम ने भाषणों में अपने पद की मर्यादा का ख्याल नहीं किया
सोनिया ने लिखा कि प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान अपने भाषणों में अपने पद की मर्यादा का ख्याल नहीं किया. झूठ बोला और सांप्रदायिक बातें कहीं. मणिपुर जलता रहा लेकिन प्रधानमंत्री वहां जाने का समय नहीं निकाल पाये. प्रधानमंत्री के 400 पार के नारे को जनता ने नकार दिया. इस पर पीएम को आत्म विश्लेषण करना चाहिए.
लोकसभा चुनाव में सत्ता पक्ष पहले से कमजोर हुआ है
माना जा रहा है कि इस लोकसभा चुनाव में सत्ता पक्ष पहले से कमजोर हुआ है, वहीं विपक्ष पहले से अधिक मजबूत हुआ है. इसका नजारा लोकसभा सत्र के दौरान दिख रहा है, जहां एक ओर सरकार के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष पर हमलावर हैं, वहीं विपक्ष NEET पेपर लीक सहित अन्य मुद्दो पर सरकार को घेर रहा है. संसद में पीएम मोदी के आपातकाल का जिक्र कर कांग्रेस के जले में नमक छिड़कने की कोशिश की तो विपक्ष ने NEET मामले में सरकार को घेरने की कवायद शुरू की. संसद चल नहीं पायी.
हमने मांग की कि परंपरा के अनुसार उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए
सोनिया गांधी ने अपने लेख में लिखा कि सरकार ने जब हमसे स्पीकर चुनाव में समर्थन मांगा तो हमने उनसे मांग की कि परंपरा के अनुसार उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए, लेकिन सरकार(मोदी) ने हमारी मांग नहीं मानी. प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी का जिक्र किया. स्पीकर ने भी ध्यान भटकने के लिए वही काम किया. सोनिया इसका जवाब देते हुए लिखा कि मार्च 1977 में देश के लोगों ने इमरजेंसी लगाये जाने पर अपना फैसला सुनाया था, जिसे हमारे द्वारा स्वीकार किया गया था.
सोनिया गांधी ने NEET को घोटाला करार दिया
सोनिया गांधी ने NEET को घोटाला करार देते हुए लिखा कि इसने हमारे लाखों युवाओं के जीवन पर कहर बरपाया है. लेकिन शिक्षा मंत्री ने प्रतिक्रिया से नजर आया कि जो कुछ भी हुआ है, उसकी गंभीरता को नकारा जाये. परीक्षा पे चर्चा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी देश भर में इतने सारे परिवारों को तबाह करने वाले पेपर लीक पर स्पष्ट रूप से चुप्पी साधे बैठे हैं.
अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा-धमकी का अभियान फिर तेज
सोनिया गांधी ने अपने लेख में आरोप लगाया कि भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और धमकी का अभियान एक बार फिर तेज हो गया है. भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में, बुलडोजर फिर से अल्पसंख्यकों के घरों को महज आरोपों के आधार पर ध्वस्त कर रहे हैं. प्रक्रिया का उल्लंघन कर रहे हैं और उन्हें सामूहिक दंड दे रहे हैं.
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