New Delhi : मनरेगा का नाम बदलने और केंद्र- राज्य के खर्च का रेशियो 60: 40 करने पर विपक्षी दल मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है. खास कर कांग्रेस जोरदार विरोध कर रही है.
MGNREGA was Mahatma Gandhi's vision of Sarvodaya, its death is our collective moral failure: Sonia Gandhi
— ANI Digital (@ani_digital) December 22, 2025
Read @ANI Story | https://t.co/buOLZUK0og #SoniaGandhi #MNREGA #MahatmaGandhi #VBGRamGbill pic.twitter.com/9TLacZ27rX
इस कदर विरोध है कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद मैदान में उतर आयी है. सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को नये विधेयक विकसित भारत जी राम जी विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. इस संबंध में अधिसूचना भारत के राजपत्र में प्रकाशित कर दी गयी.
सोनिया ने अंग्रेजी दैनिक द हिंदू में एक लेख लिख कर आरोप लगाया कि केंद्र–राज्य संबंधों की मर्यादा का सम्मान नहीं किया गया. संसद में बिना किसी व्यापक चर्चा, परामर्श, संसदीय प्रक्रिया के मनरेगा को खत्म करने की दिशा में सुनियोजित साजिश रची गयी हैं.
सोनिया गांधी ने इसे मनरेगा की मौत करार दिया है. इसे देश की सामूहिक नैतिक विफलता कहा है. सोनिया गांधी के अनुसार मनरेगा महज एक सरकारी योजना नहीं थी, बल्कि यह ग्रामीण भारत के संकटग्रस्त परिवारों के लिए काम के संवैधानिक अधिकार की गारंटी थी.
सोनिया गांधी ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में से एक बताया. लिखा है कि मनरेगा ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों भूमिहीन मजदूरों, महिलाओं, दलितों और आदिवासियों के जीवन में परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है.
सोनिया गांधी ने लिखा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना तो केवल शुरुआत थी. दरअसल पूरी योजना की संरचना को ही नष्ट कर दिया गया है. मनरेगा की मूल भावना मांग आधारित रोजगार की गारंटी थी, जिसमें कोई भी ग्रामीण परिवार जरूरत पड़ने पर काम मांग सकता था और सरकार उसे काम देने के लिए बाध्य थी.
मोदी सरकार द्वारा नये कानून और नीतिगत बदलाव कर इस कानूनी गारंटी को खत्म कर दिया गया और इसे नौकरशाही प्रावधान बना दिया है. लिखा कि पूर्व में मनरेगा पूरे ग्रामीण भारत में लागू थी. इसमें काम के अधिकार को व्यापक स्तर पर सुनिश्चित किया गया था.
सोनिया गांधी ने लिखा कि नये प्रावधानों के तहत योजना उन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित कर दी गयी है, जिन्हें केंद्र सरकार अधिसूचित करेगी. मनरेगा ने महात्मा गांधी के सर्वोदय के सपने को साकार किया था.
इसकी(मनरेगा) मृत्यु हमारी सामूहिक नैतिक विफलता है. इसके मानवीय और वित्तीय परिणाम आने वाले वर्षों तक देश को भुगतने होंगे.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.

Leave a Comment