Lagatar Desk : एलन मस्क की स्पेसएक्स (SpaceX) ने आज बुधवार की सुबह अपने महत्वाकांक्षी मिशन ‘स्टारशिप फ्लाइट 9’ की लॉन्चिंग की. यह ऐतिहासिक उड़ान अमेरिका के टेक्सास स्थित बोका चीका के पास ‘स्टारबेस’ लॉन्च साइट से भारतीय समयानुसार सुबह 5 बजे रवाना हुई. उड़ान की शुरुआत शानदार रही, लेकिन पृथ्वी पर वापसी के दौरान यान टूटकर हिंद महासागर में गिर गया.
सफल लॉन्चिंग, लेकिन वापसी में नाकामी
33 रैप्टर इंजनों से लैस स्टारशिप सुपर हेवी रॉकेट ने उड़ान भरते ही अंतरिक्ष की ओर रफ्तार पकड़ी और शुरुआती चरणों में कई अहम तकनीकी सफलताएं हासिल की. लेकिन जब यान पृथ्वी के वातावरण में वापसी कर रहा था, उसी दौरान यह अपना नियंत्रण खो बैठा और टूटकर हिंद महासागर में गिर गया. पूरी उड़ान करीब 1.06 घंटे की रही.
पहली बार सफलतापूर्वक 'हॉट-स्टेजिंग'
इस बार की उड़ान में "हॉट-स्टेजिंग" नामक नई तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया, जिसमें पहले और दूसरे चरण का अलगाव बिना रॉकेट को पूरी तरह बंद किए किया गया. इस मिशन में सुपर हेवी बूस्टर (जिसकी यह दूसरी उड़ान थी) और शिप 35 को शामिल किया गया था. इससे पहले की परीक्षण उड़ानें 10 मिनट से भी कम समय में विफल हो गयी थीं, लेकिन इस बार स्टारशिप ने अपेक्षाकृत लंबी और अधिक सफल उड़ान भरी.
FAA ने दूसरे देशों से परीक्षण के लिए ली थी अनुमति
अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने इस परीक्षण को अनुमति दी थी और यूके, मैक्सिको, बहामास जैसे कई देशों के साथ समन्वय भी किया गया था, क्योंकि रॉकेट की उड़ान इन देशों के ऊपर से होकर गुजरनी थी. उड़ान के दौरान किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन ने 29 मई तक सड़कों को बंद रखा है.
एलन मस्क का विजन: चांद से मंगल तक का सफर
स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का सपना है कि स्टारशिप एक ऐसा रॉकेट बने, जो इंसानों और सामान को न केवल चंद्रमा और मंगल, बल्कि उससे आगे भी ले जा सके. ‘स्टारशिप फ्लाइट 9’ की उड़ान पूरी तरह सफल नहीं रही, लेकिन इसमें कई तकनीकी बाधाओं को पार किया गया. स्पेसएक्स इस मिशन से मिले आंकड़ों का विश्लेषण करेगा, ताकि भविष्य में उड़ानों को और अधिक सटीक और सुरक्षित बनाया जा सके.