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Special News : इस कुएं का पानी है चमत्कारी, दूर होती है बीमारियां

Giridih : गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड के महेशमुंडा रेलवे स्टेशन के बगल में स्थित कुएं की चर्चा आज सिर्फ झारखंड में नहीं बल्कि बिहार, यूपी समेत कई राज्यों में की जा रही है. ऐसा कहां जाता है कि ये दिखने में तो आम कुएं की तरह ही दिखता है, लेकिन इसका पानी आम नहीं है. ये काफी खास है. इसकी वजह यह है कि इस पानी को पीकर लोगों की प्यास तो बुझती ही है, साथ ही पेट की कई समस्याएं भी दूर हो जाती है. इसे भी पढ़ें - जामताड़ा">https://lagatar.in/jamtara-city-co-minister-of-abvp-died-in-a-road-accident-angry-people-blocked-the-road/">जामताड़ा

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कुएं का निर्माण 1880 में हुआ था

बताया जाता है कि इस कुएं का निर्माण 1880 में किया गया था. कुएं का पानी काफी ही मीठा और स्वादिष्ट है. लोग बताते है कि जब देश गुलाम था और देश में अंग्रेज शासन कर रहे थे. तब इस कुएं का पानी बिहार,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ले जाया जाता था. जो अंग्रेजों के पीने के लिए मंगवाया जाता था. इसे भी पढ़ें -नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-tata-steel-dedicates-advanced-life-support-ambulance-to-the-public/">नोवामुंडी

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कुएं का पानी औषधीय गुणों से भरपूर है

कांग्रेस नेता नेशाब अहमद ने बताया कि कुएं का पानी औषधीय गुणों से भरपूर है. इस पानी का उपयोग पेट की बीमारियों को दूर करने में भी किया जाता है.  इस क्षेत्र के कई लोगों को इस कुएं का पानी पीकर ठीक हुए है. जिन्हें एसिडिटी, अनपच सहित कई तरह की पेट की बीमारियां थी. उन्होंने बताया कि यह कुएं जिले का धरोहर हैं. इसकी चर्चा दूर-दूर तक होती है, लेकिन फिर भी रेल प्रशासन इसके जीर्णोधार के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा हैं.नेशाब अहमद ने रेल और जिला प्रशासन से मांग की है कि महेशमुंडा में अंग्रेज जमाने में बने कुएं को बचाए रखने की जरूरत है. इसे भी पढ़ें -लखीमपुर">https://lagatar.in/lakhimpur-kheri-violence-hearing-in-sc-adjourned-till-tomorrow-sought-status-report-from-up-government/">लखीमपुर

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10-10 किलोमीटर दूर से लोग आते है 

स्थानीय निवासी मो परवेज ने बताया कि इस कुएं का पानी काफी गुणकारी है. यह पानी के पीने से लोग स्वास्थ्य रहते है. 10-10 किलोमीटर दूर से लोग इस पानी को लेने आते है. 1880 में बने इस कुएं के पानी के स्वाद में अभी तक कोई परिवर्तन नहीं आया है. इसको और विकसित करने की जरूरत है.

आज भी महेशमुंडा से कोलकाता भेजा जाता है पानी

दुकानदार मिथिलेश वर्मा ने बताया कि महेशमुंडा में कई दर्जन चापानल और कुएं है, लेकिन किसी का भी पानी इस कुएं के जैसा नहीं है. आज भी सभी लोग रेलवे द्वारा निर्मित इस कुआं का पानी पिकर आश्चर्य हो जाते हैं. महेशमुंडा रेलवे स्टेशन के पूर्व प्रबंधक इलाही अंसारी ने बताया कि वे 13 वर्ष पूर्व सेवानिर्वित हुए है. उनके सेवा काल में भी महेशमुंडा से कोलकाता तक पानी जाता था. आज भी लोग इस कुएं के पानी को पीना पसंद करते हैं. इसे भी पढ़ें -सेवा">https://lagatar.in/end-of-service-and-dedication-campaign-deepak-prakash-raghuvar-babulal-wrote-congratulatory-postcard-to-pm-modi/">सेवा

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