Ranchi: भारत के सबसे बड़े औद्योगिक कॉम्प्लेक्स हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) में 1610 परिवार ठेका श्रमिकों का बचा हुआ है. एक परिवार में चार लोग, यानी कुल 6440 लोग. पिछले 20 माह से इनका वेतन लंबित है. लगभग 1610 परिवार इसके कारण आर्थिक संकट में हैं. पिछले 2 साल में इन्हे लगभग 4 माह का वेतन त्योहारों के समय पर आंदोलन के बाद दिया गया है. एचईसी में ठेका श्रमिकों का कॉन्ट्रैक्ट 2023 में ही समाप्त हो गया है. कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू, नए ठेकेदार की बहाली और वेतन भुगतान जैसे तमाम मांगों को लेकर लगभग तीन महीनों से आंदोलनरत हैं.
हाल में एचइसी प्रबंधन ने एचएमबीपी प्लांट में फैब्रिकेशन कार्य के लिए वर्क कॉन्ट्रैक्ट निकाला है. प्रबंधन ने न्यूनतम मानदेय 562.21 रुपये से लेकर 765.69 रुपये निर्धारित किया है. जिसका विरोध एचईसी मजदूर बचाओ जन संघर्ष समिति के द्वारा किया जा रहा है. उनका कहना है की पिछले सितंबर माह से ठेकेदार की नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है, जो अब तक पूरी नहीं हुई है. प्रबंधन सप्लाई कर्मियों के लिए ठेकेदार नियुक्त नही कर रहा है साथ ही सप्लाई कर्मियों को प्लांट के अंदर जाने नही दिया जा रहा है.
उधार पर कट रही जिंदगी
मजदूरों से बात करने पर उन्होंने कहा उधार लेकर जैसे-तैसे घर चल रहा है. मैनेजमेंट के साथ सरकार को भी मदद करनी चाहिए थी, कोई मदद नहीं कर रही है. बच्चों का फीस तक नहीं भर पा रहे हैं. घर में अगर कोई बीमार पड़ जा रहा है तो दवाई के लिए भी पैसे नही है. स्कूल में पैसे जमा नहीं होने से बच्चों के नाम काटे जा रहे है. नया सत्र शुरू हो गया है. किताब से लेकर री एडमिशन कराने में असर्थ होते जा रहे है. उधार मांग कर दो वक्त की रोटी चल रही है.
तीन प्लांटों में 2780 कर्मी
एचईसी के तीन प्लांटों में 2780 कर्मी हैं. इनमें से 500 अफसर, 28 सुपरवाइजर, 625 कामगार (स्थायी) हैं. वहीं 1627 कामगार अस्थायी हैं, जिनका अगस्त माह में कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो चुका है. जानकारी के अनुसार एचईसी प्रबंधन ठेका श्रमिकों को लेकर पॉलिसी बना रही है. जिसके तहत 1600 ठेका श्रमिक एचईसी में नहीं आएंगे. प्रबंधन आवश्यकता अनुसार ठेका श्रमिकों की डिमांड करेगा और कांट्रेक्टर उस डिमांड के अनुसार ठेका मजदूरों को प्लांट में भेजेगा. हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वर्तमान की स्थिति को देखकर ऐसा ही लग रहा है.